आसान नहीं है 2019 की चुनौतियां इसलिए… जिस तरह से सपा और बसपा समेत कई विपक्षी दल एक होकर चुनाव लडऩे की बात कह रहे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए २०१९ का लोकसभा चुनाव काफी चुनौती भरा होने की संभावना है। भारतीय जनता पार्टी के लिए २०१९ लोकसभा चुनाव २०१४ की तरह नहीं रहने वाला है। जिस तरह से विपक्ष एकजुट हुआ है और दलितों में भाजपा के खिलाफ बढ़ रहे आक्रोश को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने बड़ा फैसला किया है। सूत्रों की मानें तो इस बार के लोकसभा चुनाव में यूपी के उम्रदराज सांसदों के साथ ही कई सांसदों का टिकट कटना तय माना जा रहा है। उनकी जगह योगी सरकार के कई मंत्री और विधायकों को चुनाव लड़ाया जा सकता है। सूत्रों की माने तो इस लिस्ट में पार्टी के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिसके बाद सत्ता के गलियारों में नई चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं।
जोशी और कलराज होंगे आउट
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 2019 के लिए अभी से यूपी के दौरे लगातार कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने रायबरेली में रैली की तो वहीं रविवार को गाजियाबाद में थे। माना जा रहा है कि पार्टी तीन दर्जन सांसदों के टिकट काटेगी। इन सांसदों को भी इस बात का अहसास होने लगा है और वे भी अपना नया ठिकाना अभी से तलाशना शुरू कर दिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी से टिकट कटने वालों में कानपुर से सांसद मुरली मनोहर जोशी, देवरिया से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के साथ ही कई और के नाम शामिल हो सकते हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 2019 के लिए अभी से यूपी के दौरे लगातार कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने रायबरेली में रैली की तो वहीं रविवार को गाजियाबाद में थे। माना जा रहा है कि पार्टी तीन दर्जन सांसदों के टिकट काटेगी। इन सांसदों को भी इस बात का अहसास होने लगा है और वे भी अपना नया ठिकाना अभी से तलाशना शुरू कर दिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी से टिकट कटने वालों में कानपुर से सांसद मुरली मनोहर जोशी, देवरिया से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के साथ ही कई और के नाम शामिल हो सकते हैं।
इनको मिला सकता है मौका पार्टी जिन सांसदों के टिकट काटने जा रही है, उनकी जगह पर योगी सरकार के कई कैबिनेट मंत्री उनकी जगह उतारे जा सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, रमापति शास्त्री, चेतन चौहान , दारा सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, स्वतंत्रदेव सिंह आदि को लोकसभा चुनाव में उतारने की चर्चाएं जोरों पर हैं। वहीं पार्टी अपने सहयोगी दलों को भी झटका दे सकती है। राजभर के पार्टी के अनिल राजभर को लोकसभा का टिकट दे सकती है।
दलबदलुओं पर अब नहीं भरोसा
सूत्रों की मानें तो पार्टी 2014 के चुनाव में पाला बदल कर भाजपा में आए उन सांसदों को लेकर बेहद गंभीर है जो हाल ही में बगावती तेवर दिखा चुके हैं। पार्टी अब इनकी जगह नए चेहरों की तलाश में जुट गई है। पार्टी का मानना है कि चार साल तक चुप रहने वाले ये सांसद एकाएक पार्टी के विरोध में शुरू उठाने लगे हैं। इसमें से अधिकतर दलबदलु हैं, जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए और पार्टी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे।
सूत्रों की मानें तो पार्टी 2014 के चुनाव में पाला बदल कर भाजपा में आए उन सांसदों को लेकर बेहद गंभीर है जो हाल ही में बगावती तेवर दिखा चुके हैं। पार्टी अब इनकी जगह नए चेहरों की तलाश में जुट गई है। पार्टी का मानना है कि चार साल तक चुप रहने वाले ये सांसद एकाएक पार्टी के विरोध में शुरू उठाने लगे हैं। इसमें से अधिकतर दलबदलु हैं, जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए और पार्टी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे।