राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अंबुज सिंह ने बताया कि यह अभियान 15 दिन चलेगा और हमें सभी ग्राम सभाओं सहित पूरे जिले को कवर करना है। 30 जनवरी को कुष्ठ उन्मूलन को लेकर जिले, ब्लॉक व ग्राम सभा पर जिलाधिकारी की अपील पढ़ी जाएगी। स्कूल के किसी बच्चे या किसी वयस्क को महात्मा गांधी की भूमिका तथा 10-12 वर्ष की लड़की “सपना” की भूमिका निभाएगी। ज्ञात हो कि सन 2018 में सपना नाम की लड़की ने जागरूकता अभियान की रोल माडल में थी व सन 2019 में महात्मा गांधी के माध्यम से गाँव-गाँव में कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान चलाया गया था।
डॉ. अंबुज ने बताया कि हमें लोगों को जागरूक करना है कि यदि त्वचा पर हल्के या तांबई रंग के धब्बे हों और उनमें संवेदनहीनता हो तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है। साथ ही हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी , नसों में दर्द, कान या चेहरे पर सूजन , हाथ या पैरों पर सुन्नता या घाव होने पर भी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए | डॉ. अंबुज ने बताया यह बात ध्यान देने वाली है – हर दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है। नोडल अधिकारी ने बताया जिले में इस वक़्त कुष्ठ के 279 रोगी हैं।
डिस्ट्रिक्ट लेप्रोसी कंसल्टेंट डॉ. शोमित ने बताया – कुष्ठ रोग मायकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होता है। यह एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है। इसमें त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। जो कुष्ठ रोग की शुरुआती पहचान हैं। यह कुष्ठरोग ग्रसित व्यक्ति के जीवाणु द्वारा फैलता है। जो संक्रामक व्यक्ति के खाँसने, छींकने और थूकने से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। यदि समय से उपचार शुरू कर दिया जाये तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) द्वारा ठीक किया जा सकता है। प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर एमडीटी मुफ्त उपलब्ध है।
डिस्ट्रिक्ट लेप्रोसी कंसल्टेंट डॉ. शोमित ने बताया – कुष्ठ रोग मायकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होता है। यह एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है। इसमें त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। जो कुष्ठ रोग की शुरुआती पहचान हैं। यह कुष्ठरोग ग्रसित व्यक्ति के जीवाणु द्वारा फैलता है। जो संक्रामक व्यक्ति के खाँसने, छींकने और थूकने से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। यदि समय से उपचार शुरू कर दिया जाये तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) द्वारा ठीक किया जा सकता है। प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर एमडीटी मुफ्त उपलब्ध है।
डॉ. शोमित ने बताया कि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि यह आनुवांशिक होता है। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गैर सरकारी संगठनों सहित सामान्य स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक वर्ष चिन्हित किए गए सभी मामलों में उपचार निःशुल्क प्रदान किया जाता है। कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है और बच्चे भी पैदा कर सकता है।