script31 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से देश के व्यापारी आशान्वित | Traders furious over GST Council meeting | Patrika News

31 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से देश के व्यापारी आशान्वित

locationलखनऊPublished: Dec 30, 2021 02:16:06 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

अधिसूचना के अनुसार कपड़ा और जूते पर जीएसटी कर की दर 1 जनवरी, 2022 से 5% से बढ़ाकर 12% करने की घोषणा की गई है जिसको लेकर देश भर के व्यापारियों में रोष और आक्रोश है। कैट के प्रांतीय चेयरमैन संजय गुप्ता ने कहा कि जीएसटी काउंसिल द्वारा इस बैठक में कपड़ा और जूते पर जीएसटी कर की दर में वृद्धि को स्थगित करने के निर्णय के साथ-साथ अन्य परिवर्तनों को स्थगित करने के लिए देश का व्यापारी समाज बहुत आशान्वित है।

31 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से देश के व्यापारी आशान्वित

31 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से देश के व्यापारी आशान्वित

लखनऊ ,कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने 31 दिसंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुलाई गई जीएसटी की बैठक में कपड़ा और जूते पर जीएसटी कर दर में वृद्धि को स्थगित करने पर विचार कर निर्णय लेने के लिए कैट की मांग को स्वीकार करने के लिए उनका आभार जताया है। सरकार द्वारा 18.11.2021 को जारी अधिसूचना के अनुसार कपड़ा और जूते पर जीएसटी कर की दर 1 जनवरी, 2022 से 5% से बढ़ाकर 12% करने की घोषणा की गई है जिसको लेकर देश भर के व्यापारियों में रोष और आक्रोश है। कैट के प्रांतीय चेयरमैन संजय गुप्ता ने कहा कि जीएसटी काउंसिल द्वारा इस बैठक में कपड़ा और जूते पर जीएसटी कर की दर में वृद्धि को स्थगित करने के निर्णय के साथ-साथ अन्य परिवर्तनों को स्थगित करने के लिए देश का व्यापारी समाज बहुत आशान्वित है।
कैट ने अपने द्वारा उठाई गई मांग की जीएसटीआर 9 और जीएसटीआर 9C दाखिल करने की तारीख 31.12.2021 से बढ़ाकर 28.2.2022 करने की भी सराहना की है संजय गुप्ता ने कहा। इस कदम से व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी। 27 दिसंबर को सीतारमण को भेजे गए अपने एक ज्ञापन में कैट ने 1 जनवरी, 2022 से लागू होने वाले कपड़ा और जूते पर जीएसटी कर की दर में वृद्धि और अन्य कदमों को लागू करने की मांग की थी। कैट ने सीतारमण से भी आग्रह किया था कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक “टास्क फोर्स” का गठन किया जाए जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और व्यापार के प्रतिनिधियों से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करने और आम सहमति बनाने का प्रयास किया जाए।
कैट ने तर्क दिया कि देश की 85% से अधिक आबादी कपड़ा और जूते के सामान का उपयोग करती है, जिसकी कीमत 1000-00 रुपये से कम है, जिस पर वर्तमान में 5% कर लगता है। अधिसूचना में 1000 रुपये की सीमा को हटा दिया है और इन दोनों वस्तुओं को 12% के कर स्लैब के तहत लाया है।
संजय गुप्ता ने कहा कि इस तरह की भारी वृद्धि से 85% आबादी पर कर का बोझ पड़ेगा और सामान और महंगा हो जाएगा। कैट ने यह भी तर्क दिया है कि ऐसे समय में जब जीएसटी राजस्व संग्रह महीने दर महीने बढ़ रहा है, कर दरों में वृद्धि का कोई औचित्य नहीं है। जहां तक उल्टे शुल्क ढांचे के युक्तिकरण का संबंध है, व्यापारी सरकार के साथ चर्चा करने के लिए अधिक इच्छुक हैं
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