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Lucknow: सड़क किनारे खड़ी कार को उठा ले गई क्रेन, छुड़ाने के लिए धरने पर बैठा बुजुर्ग

locationलखनऊPublished: Aug 03, 2021 02:46:59 pm

Submitted by:

lokesh verma

बुजुर्ग का कहना था कि जब तक उसकी कार नहीं छूटती वह वहीं बैठा रहेगा और पैसा नहीं जमा करेगा। इस बात को लेकर ट्रैफिक पुलिस और बुजुर्ग में काफी नोकझोंक भी हुई।

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ(Lucknow) में अक्सर भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोग सड़क किनारे कार(Car), बाइक खड़ी कर देते हैं। जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जाम न लगे इसलिए ट्रैफिक पुलिस(Traffic police) द्वारा नगर निगम की क्रेन और ठेके देकर सड़क किनारे अवैध रुप से खड़े वाहनों को उठाकर उसका चालान किया जाता है।
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वैक्सीन लगवाने पहुंचा था दंपत्ति

ऐसा ही एक मामला आज हजरतगंज में देखने को मिला। जहां एक 65 वर्षीय बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ कोरोना वैक्सीन लगवाने पहुंचा था। बुजुर्ग वैक्सीन लगवाने के लिए हॉस्पिटल में गया और अपनी कार को सड़क किनारे पार्क कर दिया। इसी दौरान वहां पहुंची नगर निगम की क्रेन बुजुर्ग की कार को उठाकर नगर निगम ट्रैफिक पुलिस चौकी हजरतगंज लेकर गई।
पुलिस से कार छोड़ने की कहीं बात

बुजुर्ग जब पत्नी के साथ बाहर आए तो देखा उनकी कार वहां नहीं है। जिसके बाद बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ नगर निगम के ट्रैफिक पुलिस चौकी पर पहुंचा। बुजुर्ग ने ट्रैफिक पुलिस वाले से अपनी कार को छोड़ने की बात बात की, लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने चालान शुल्क जमा कर कार ले जाने की बात कही।
कहासुनी के बाद जमीन पर बैठा बुजुर्ग

बुजुर्ग का कहना था कि उसे मालूम नहीं था कि यहां कार खड़ी नहीं करनी है। अगर मालूम रहता तो तो वह अपनी कार को किसी और जगह पार्क करते। इसी बात को लेकर बुजुर्ग और ट्रैफिक पुलिस वाले में कहासुनी हुई और बुजुर्ग वहीं जमीन पर बैठ गया।
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नहीं देंगे एक भी रूपए: बुजुर्ग

बुजुर्ग का कहना था कि जब तक उसकी कार नहीं छूटती वह वहीं बैठा रहेगा और पैसा भी नहीं जमा करेगा। इस बात को लेकर ट्रैफिक पुलिस और बुजुर्ग में काफी नोकझोंक भी हुई, लेकिन ट्रैफिक पुलिस वाले ने उसकी बात नहीं सुनी और उसे वहीं छोड़कर अंदर चला गया।
क्या कहता है नियम?

राजधानी लखनऊ की सड़कों के किनारे बनी सफेद पट्टी के अंदर कोई भी वाहन खड़ा नहीं कर सकता है। यह हिस्सा नो-पार्किंग जोन कहलाता है, यहां वाहन खड़े करने वालों को जुर्माना भरना होता है। ट्रैफिक पुलिस की क्रेन इन वाहनों को उठा सकती है। दोबारा खड़ा करने पर दोगुना जुर्माना देना पड़ता है।
1500 तक का होता है चालान

लखनऊ में ट्रैफिक व्यवस्था ठीक करने के लिए ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम प्राइवेट ठेके पर गाड़ियां उठवाता हैं। अक्सर ट्रैफिक विभाग के साथ नगर निगम मिलकर नो पार्किंग जोन में लगी गाड़ियों को खींच कर ले जाती रही है। इसके साथ ही कार का 1500 रुपये का चालान किया जाता है, 1500 रूपये में 1000 रुपया टोइंग चार्ज और 500 रुपया ऑनलाइन चालान का लिया जाता है। इसी तरह बाइक का 500 रूपए ऑनलाइन चालान और 300 रूपए टोइंग चार्ज लिया जाता है।
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