देश का दूसरा राज्य बनेगा यूपी किन्नरों के कल्याण के लिए विशेष बोर्ड गठित करने वाला उत्तर प्रदेश देश का दूसरा राज्य होगा। दरअसल ट्रांसजेंडर कल्याण के लिए बनने वाले इस बोर्ड का मकसद किन्नर समाज से जुड़े लोगों को शिक्षा, रोजगार, आवास और स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मुहैया कराना है। ट्रांसजेंडर लोग आमतौर वह होते हैं जिन्हें न तो पुरुष और न ही महिला की कैटेगरी में रखा जाता है।
ऐसे होता है किन्नर का अंतिम संस्कार जब एक किन्नर की मौत हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार को गुप्त रखा जाता है। बाकी धर्मों से ठीक उलट किन्नरों की अंतिम यात्रा दिन की जगह रात में निकाली जाती है। किन्नरों के अंतिम संस्कार को गैर-किन्नरों से छिपाकर किया जाता है। इनकी मान्यता के अनुसार अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा। वैसे तो किन्नर हिन्दू धर्म की कई रीति-रिवाजों को मानते हैं, लेकिन इनके मृत शरीर को जलाया नहीं जाता, बल्कि उसे दफनाया जाता है।