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आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, अपने ही विभाग में वांटेड हो गए दो अफसर

locationलखनऊPublished: Oct 19, 2020 11:52:54 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

यूपी कैडर के दो आईपीएस अधिकारी अपने ही विभाग मे ंवांटेड बन गए हैं। ये अपराधियों की तरह छिप रहे हैं। पुलिस टीम इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। 2003 बैच के आईपीएस और डीआईजी पद पर तैनात रहे अरविंद सेन और 2014 बैच के आईपीएस और महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार अलग-अलग मामलों में अभियुक्त हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हैं।

आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, अपने ही विभाग में वांटेड हो गए दो अफसर

आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, अपने ही विभाग में वांटेड हो गए दो अफसर

लखनऊ. यूपी कैडर के दो आईपीएस अधिकारी अपने ही विभाग मे ंवांटेड बन गए हैं। ये अपराधियों की तरह छिप रहे हैं। पुलिस टीम इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। 2003 बैच के आईपीएस और डीआईजी पद पर तैनात रहे अरविंद सेन और 2014 बैच के आईपीएस और महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार अलग-अलग मामलों में अभियुक्त हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हैं। अरविंद 22 अगस्त से और मणिलाल नौ सितंबर से निलंबित हैं। गृह विभाग का दावा है कि ऐसा प्रदेश में पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़े अधिकारियों खासतौर पर आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई हो रही है।
फैजाबाद, अम्बेडकरनगर में तालश

दोनों आईपीएस अफसरों की तलाश में पुलिस फैजाबाद, अम्बेडकरनगर चतक उनकी तलाश कर रही है। इसके लिए टीमों का गठन किया गया है। बता दें कि अरविंद फैजाबाद के रहने वाले हैं औ पूर्व सांसद स्व. मित्रसेन यादव के पुत्र हैं। वहीं महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार के खिलाफ 10 सितंबर को मुकदमा दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ कुछ दिन बाद ही लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण की अदालत ने वारंट जारी कर रखा है। उनकी गिरफ्तारी के लिए आईजी रेंज के स्तर से एसआईटी तक गठित है। महोबा की पुलिस टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली से लेकर राजस्थान तक दबिश दे रही हैं लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है।
कारोबारी की हत्या से चर्चा में आए मणिलाल

महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मृत्यु के बाद चर्चा में आए मणिलाल पर कई गंभीर आरोप हैं। मौत से पहले इंद्रकांत ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी जान को खतरा बताया था। उन्होंने मणिलाल पाटीदार पर जान से मारने का आरोप लगाया था। गोली लगने से इंद्रकांत की मौत हो जाने के बाद मणिलाल के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में जांच के लिए आईजी रेंज वाराणसी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने भी उन्हें भ्रष्टाचार व इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का दोषी ठहराया।
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