महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा पर विरोध जताते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रवींद्र कुमार द्विवेदी ने कहा है कि उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने का नैतिक अधिकार नहीं है। यदि उन्होंने यहां कदम रखा तो हिंदू महासभा श्रीरामजन्मभूमि को गंगा और सरयू जल के छिडक़ाव से पवित्र करवाएगी। जहां वे जाएंगे उन मंदिरों को धोया जाएगा। जबकि, हिंदू महासभा अध्यक्ष राकेश दत्त मिश्र ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने श्रीराम कारसेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष को गले लगाकर सिद्ध कर दिया कि शिवसेना श्रीराम विरोधियों के साथ है। ऐसे श्रीराम विरोधी उद्धव ठाकरे को हिंदू महासभा अयोध्या की पवित्र भूमि पर पैर नहीं रखने देगी और उन्हें वापस लौटने पर बाध्य करेगी।
ठाकरे की यात्रा पर विरोध जताते हुए एक मार्च को तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा था कि उद्धव ठाकरे को अयोध्या नहीं अब मक्का मदीना जाना चाहिए। अगर वह अयोध्या आते हैं तो उनके काफिले को अयोध्या के प्रवेश मार्ग पर ही काले झंडे के साथ रोकेंगे। जिला प्रशासन से उनके अयोध्या दौरे को अनुमति न दिये जाने का मांग करते हुए महंत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के नाम पर लोगों को ठगा है इसलिए अब अयोध्या में इनके लिए कोई स्थान नहीं है। जबकि, शिवसेना प्रमुख रहे बाला साहब ठाकरे ने शिवसेना का गठन हिंदू राष्ट्र के लिए किया था। लेकिन, सत्ता की लालच में कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर बाला साहब के सिद्धांत को मार दिया गया।
महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद उद्धव ठाकरे की यह पहली अयोध्या यात्रा होगी। उद्धव ठाकरे सात मार्च को पहले रामलला के दर्शन कर श्रीराम का आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद सरयू नदी के घाट पर आरती में भी शामिल होंगे। इससे पहले जून 2019 में उद्धव ठाकरे अयोध्या आए थे और भगवान राम की पूजा अर्चना की थी। उस समय तो उनके साथ शिवसेना के 18 सांसद भी थे।