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हो गया खुलासा, इस अंडरवर्लड डॉन ने बढ़ाई सीएम योगी की टेंशन, दे रहा है यूपी के विधायकों को धमकी

locationलखनऊPublished: May 24, 2018 12:41:58 pm

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक तीन दशक पुराने इस गैंग में अभी भी सौ से ज्यादा क्रिमिनल हैं…

Underworld don behind MLA threaten in Uttar Pradesh

हो गया खुलासा, इस अंडरवर्लड डॉन ने बढ़ाई सीएम योगी की टेंशन, दे रहा है यूपी के विधायकों को धमकी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में एक अनजान चेहरे से सत्ताधारी दल के भाजपा विधायक भयभीत हैं और अपनी सुरक्षा के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से फरियाद की है। मामला बड़ता देख सीएम ने पूरे प्रकरण के जांच के आदेश डीजीपी को दिए हैं। यूपी पुलिस , क्राइम ब्रान्च और एसटीएफ की टीमें अब अदृश्य चेहरे को खोजने के लिए लग गई हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार का कहना है कि रंगदारी मांगने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का खास गुर्गा है, जो अब उससे अलग होकर अपनी नई गैंग चलाता है। विधायकों को अली बुदेश के नाम से धमकी आ रही है, जो उनसे 10 लाख की रंगदारी मांग रहा है। एसटीएफ की कई टीमें पिछले 24 घंटे से कानपुर में डेरा जमाए हुए हैं और दाउद के पुराने साथियों को दबोचने के लिए ऑपरेशन चलाए हुए हैं।
25 विधायकों से मांगी रंगदारी

उत्तर प्रदेश के सत्ताधारी दल के 25 से ज्यादा भाजपा विधायकों से रंगदारी मांगने का मामला सामने आने पर हड़कंप मच गया। विधायक अपनी सुरक्षा की फरियाद लेकर सीएम योगी के दर पर गए। सीएम ने डीजीपी को पूरे प्रकरण की जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी के बाद यूपी पुलिस एक्शन में आ गई है। डीजीपी के निर्देश पर एसटीएफ, क्राइम ब्रान्च और स्पेशल पुलिस बल के जवानों को रंगदारी मांगने वाले अदृश्य डॉन को अरेस्ट करने के लिए लगा दिया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया, ’जिस नंबर से धमकी भरे मैसेज आ रहे हैं, वह अमेरिका के टेक्सास का है। आईडी ट्रेस करने से पता चला है कि वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के एक साथी अली बुदेश के नाम पर है वहीं इंटरनेट प्रोटोकॉल अड्रेस (आईपी अड्रेस) पाकिस्तान का आ रहा है। अली बुदेश फिलहाल दाऊद से अलग गैंग चलाता है। आनंद कुमार ने बताया कि अली बुदेश गल्फ देशों में सक्रिय है, लेकिन पिछले पांच वर्षों से भारत में उसकी कोई आपराधिक गतिविधि नहीं हुई है। अली बुदेश की मां मुंबई और पिता बहरीन के रहने वाले हैं और उनका वहीं पर बिजनेस है।
क्या है पूरा मामला

यूपी में इन दिनों सत्ताधारी दल बीजेपी के विधायक डरे हुए हैं। उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी देकर रंगदारी मांगी जा रही है। अभी तक बीजेपी के करीब 25 विधायकों से व्हाट्सऐप के जरिए 10-10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई है। विधायकों की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, बुलंदशहर और शाहजहांपुर सहित कई जिलों से बीजेपी विधायकों को ऐसे धमकी भरे मैसेज मिले हैं।
इन प्रमुख विधायकों को मिली धमकी

1- शशांक त्रिवेदी- मोहाली, सीतापुर

2- डॉ. अनीता लोधी राजपूत- डिबाई, बुलंदशहर

3- लोकेंद्र प्रताप सिंह- मोहम्मदी, लखीमपुर खिरी

4- वीर विक्रम सिंह- कटरा, शाहजहांपुर
5- विनय द्विवेदी- मेहनौन, गोंडा

6- प्रेम नारायण पांडेय- तरबगंज, गोंडा

7- विनोद कटियार- भोगनीपुर, कानपुर देहात

8- श्याम बिहारी लाल- बरेली

9- मानवेंद्र सिंह- दादरौल, शाहजहांपुर

10- रजनीकांत मणि त्रिपाठी- कसया, कुशीनगर
11- साकेंद्र वर्मा, विधायक, कुर्सी


दाउद के कानपुर में मौजूद हैं गुर्गे

करीब दो दशक पहले डी- 2 गैंग का शहर में आतंक था। उस वक्त यह गैंग अपहरण कर फिरौती वसूलना और भाड़े में कत्ल कर काली कमाई करता था, लेकिन जब यह गैंग डी कम्पनी के टच में आया तो इस गैंग ने डी कम्पनी की मदद से यहां पर सूखे नशे (स्मैक) और असलहे का काला कारोबार शुरू किया। धीरे- धीरे यह शहर नशे में टॉप मंडी हो गई। यह गैंग अब पहले की अपेक्षा कमजोर हो गया है, लेकिन डी कम्पनी की अभी भी जड़े जमी हुई हैं। अभी भी नशे का जो काला कारोबार हो रहा है। उसके पीछे डी कम्पनी ही है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर में एक्टिवडी- 2 गैंग का डी कम्पनी से करीब तीन दशक पुराना कनेक्शन है। यह शहर का सबसे खतरनाक और बड़ा गैंग है। इस गैंग के सरगनाओं के डी कम्पनी के सरगना दाउद इब्राहिम समेत उनके गुर्गो से करीबी संबंध होने की बात सामने आ चुकी है। इस गैंग को नई सड़क के अतीक अहमद, शफीक, बिल्लू, बाले और उसके तीन भाइयों ने खड़ा किया था। अतीक और उसके भाइयों की दाउद और उनके गुर्गों से बात भी होती थी। अतीक के जेल जाने के बाद उसके भाई ने कमान संभाली।
टॉयसन के पास गैंग की कमान

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक तीन दशक पुराने इस गैंग में अभी भी सौ से ज्यादा क्रिमिनल हैं। अतीक के जेल जाने के बाद उसके भाई शफीक ने गैंग की कमान संभाली। इसके बाद बिल्लू, बाले और फिर रफीक ने गैंग को संभाला। इस दौरान उनका भतीजा टायसन भी गैंग में शामिल हुआ। उसकी चाचाओं से बनी नहीं और उसने पुलिस की मदद से दो चाचाओं का एनकाउंटर करा दिया, जबकि अन्य जेल में है। अब गैंग की कमान उसके पास है। पुलिस की खुफिया टीम उस पर पल- पल नजर रख रही है। वहीं आईएसआई एजेंट इम्तियाज और वकास का कानपुर कनेक्शन है। एटीएस ने दोनों को कानपुर से ही पकड़ा था। दोनों इस समय जेल में हैं। पुलिस पूछताछ में दोनों ने यहां पर रहकर गोपनीय जानकारी आईएसआई को देने की बात कबूली थी। लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार आतंकी और बम एक्सपर्ट अब्दुल करीम टुंडा का शहर से कनेक्शन रहा है। यहां के शातिरों ने उससे बम बनाने की ट्रेनिंग ली है। शहर में पठान और आतिफ उसकी कमान संभालते हैं।
दिलशाद से लेकर अबू सलेम ने भी ली पनाह

नेपाल का दहशतगर्द दिलशाद मिर्जा का भी यहां से कनेक्शन है। वो पठान और आतिफ के टच में रहता था। सोर्सेज की माने तो वो कई बार शहर में आकर रुक भी चुका है। यहां के शातिर दिलशाद की मदद से लग्जरी कार चुराकर नेपाल में बेचते थे। साथ ही वे दिलशाद की मदद से स्मैक और चरस यहां पर लाते है। दिलशाद की तो हत्या हो चुकी है, लेकिन उसके गुर्गे भी शहर के शातिरों के टच में है। आतंकी अबू सलेम और उसके परिवार का भी कानपुर में नेटवर्क फैला है। अबू सलेम जब बैंकाक में फरारी काट रहा था तो यहां से कुछ लोग उससे मिलने बैंकाक जाते थे। उसका भाई अबू जैश तो अक्सर शहर आकर रुकता है। जब मुंबई में ताज होटल में आतंकी हमला हुआ था। उस समय जांच एजेंसी सभी शातिरों पर शिकंजा कस रही थी। तब अबू जैश घंटाघर के एक होटल में ही रुका था।
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