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यूपी के अर्थशास्त्रियों की नजर में जानें कैसा रहा मोदी सरकार का बजट

locationलखनऊPublished: Feb 01, 2018 11:23:39 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आम बजट पेश किया। इसको लेकर यूपी में भी काफी चर्चा रही

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लखनऊ. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आम बजट पेश किया। इसको लेकर यूपी में भी काफी चर्चा रही। जानकारों की मानें तो इस बजट में किसानों और ग्रामीणों को फोकस किया गया है तो वहीं मध्यमवर्ग व युवाओं को बजट से कुछ खास नहीं मिला है। एक तरफ कई नए मेडिकल कॉलेज तो यूपी में खुलेंगे लेकिन बढ़ती बेरोजगारी कैसे कम होगी इसका समाधान नहीं दिख रहा है। पढ़ें बजट पर अर्थाशास्त्रियों की राय-
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ये बजट सुधारवादी रुख की ओर

ये बजट सुधारवादी रुख की ओर है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस, कृषि पर फोकस है। महिला, स्वास्थ्य और कृषि हमेशा से मोदी सरकार का प्राइम फोकस रहे हैं। बीजेपी सरकार के बजट में कंसिस्टेंसी दिखी है। हालांकि अपर मिडिल क्लास इस बजट से थोड़ा नाराज हो सकता है लेकिन गरीब व कमजोर वर्ग का बजट में पूरा ध्यान रखा गया है। कृषि इस देश की रीढ़ की हड्डी है, सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने पर पूरा ध्यान दिया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने इस बजट में भी पिछले बजट की तरह आर्थिक सुधार व बुनियादी सुविधाओं पर जोर दिया है। ये बजट कमजोर वर्ग पर केंद्रित है। तमाम अपेक्षाओं व उम्मीदों के बावजूद भी वित्तमंत्री ने जिस प्रकार आयकर में कोई राहत नहीं दी है व जिस प्रकार कराधार बढ़ाने की ओर प्रयास तेज किए हैं इसे आर्थिक सुधारों के क्रम में देखा जा सकता है। वित्तमंत्री ने अर्थ व्यवस्था में सुशासन ई-गवर्नेंस व आधुनिकरण को बढ़ावा देने का अपना क्रम दोहराया है। हालांकि औद्दोगिक क्षेत्र में आशा के अनरूप सफलता नहीं मिल पाई है। इस बजट से कोई विशेष संकेत भी नहीं मिले हैं लेकिन लघु व मध्यम उद्दोगों के विकास पर कुछ ध्यान करने से इसकी गिरती सांख को वापस लाया जा सकता है।
अर्थशास्त्री- प्रो.एमके अग्रवाल, लखनऊ यूनिवर्सिटी

समाजार्थिक असमानता को कम करने वाला बजट

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने अंतिम पूर्णकालिक बजट में गांव-गरीब, खेत-खलिहान और किसानों का खास ख्याल रखा है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार करते हुए मछुआरों और पशुपालकों के लिए भी लागू किया गया है। ग्रामीण बाज़ार ई-नैम का ऐलान प्रसंशनीय है। 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जायेंगे। इसके अलावा 4 करोड़ गरीब घरों में बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य है।स्वास्थ्य सुधारों की निगाह से बजट के प्रावधान निश्चित ही सराहनीय हैं। 1.5 लाख आरोग्य केंद्र बनाए जाएंगे। ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना’ जैसे फ्लैगशिप कार्यक्रम को लागू किया गया है जिससे लगभ 5 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।
देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी ‘हेल्थ बीमा’ से आच्छादित होगी। प्रत्येक 3 संसदीय क्षेत्रों को मिलाकर 1 मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। 10 करोड़ गरीब परिवारों के स्वास्थ्य खर्च को सरकार उठायेगी जिसमें एक परिवार पर एक साल में 5 लाख तक का खर्च सम्मिलित है। शिक्षा की दृष्टि से आदिवासी इलाकों में नवोदय की तरह एकलव्य विद्यालय स्थापित किये जायेंगे। अब डिजिटल बोर्ड से पठन-पाठन होगा। डिजिटल इण्डिया के लिए 3073 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। व्यापार शुरू करने के लिए सरकार 3 लाख करोड़ का फंड देगी। 50 लाख युवाओं को नौकरी के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही 70 नौकरियां देने का लक्ष्य भी बजट में है।
-डॉ. भारती पाण्डेय, एचओडी, अर्थशास्त्र विभाग, जेएनपीजी कॉलेज

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