scriptवजीफ़े के लिए यूपी के एक करोड़ छात्रों का तैयार होगा यूनिक कोड, आधार की अनिवार्यता ख़त्म | unique code for scholarship of one crore student | Patrika News

वजीफ़े के लिए यूपी के एक करोड़ छात्रों का तैयार होगा यूनिक कोड, आधार की अनिवार्यता ख़त्म

locationलखनऊPublished: Oct 14, 2019 09:51:15 am

छात्रवृत्ति एवं शुल्क भरपाई योजना में एक करोड़ छात्रों का यूनिक कोड तैयार किया जाएगा।

वजीफ़े के लिए यूपी के एक करोड़ छात्रों का तैयार होगा यूनिक कोड, आधार की अनिवार्यता ख़त्म

वजीफ़े के लिए यूपी के एक करोड़ छात्रों का तैयार होगा यूनिक कोड, आधार की अनिवार्यता ख़त्म

लखनऊ. छात्रवृत्ति एवं शुल्क भरपाई योजना में एक करोड़ छात्रों का यूनिक कोड तैयार किया जाएगा। आधार नंबर के आधार पर यह यूनिक कोड बनाया जाएगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने प्रदेश सरकार को आधार सुरक्षित रखने के लिए इसकी अनुमति दे दी है। इससे आधार कार्ड में दिया गया ब्योरा न सिर्फ पूरी तरह सुरक्षित रहेगा बल्कि उसका दुरुपयोग होने की आशंका भी खत्म हो जाएगी। फेसबुक समेत कई कंपनियों के लोगों ने निजी डेटा का इस्तेमाल करने के मामले सामने के बाद आधार नंबर लेने से पहले उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिए हैं। यही वजह है कि इस बार एनआईसी ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में आधार नंबर लेने से इनकार कर दिया था। एनआईसी का कहना था कि उनके पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे आधार नंबर लीक होने की आशंका समाप्त की जा सके। यही वजह है कि इस सत्र में जितने भी छात्रों ने छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए आवेदन किया है उन से आधार नंबर नहीं लिया जाएगा।

रिनुअल कैटेगरी में आवेदन करने वाले छात्रों का आधार नंबर तो संबंधित विभागों के पास पहले से ही है पर फ्रेश कैटेगरी में आवेदन करने वाले छात्रों से आधार नंबर नहीं मांगा गया। पहले योजना का लाभ ले चुके छात्रों को रिनुअल और विभिन्न पाठ्यक्रमों में पहली बार आवेदन करने वाले छात्रों को फ्रेश कैटेगरी में रखा जाता है। छात्रवृत्ति के नोडल समाज कल्याण विभाग का कहना है कि इस योजना से कक्षा 9 से उच्च तकनीकी व व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले करीब एक करोड़ छात्र आवेदन कर सकते हैं। इनमें से पर करीब 35 लाख छात्र ऐसे हैं जिनके फ्रेश केटेगरी में आवेदन करने से उनका आधार नंबर विभाग के पास नहीं है। इस साल योजना का लाभ देने से पहले उनसे भी आधार नंबर ऑनलाइन मांगा जाएगा। आवेदन करने वाले सभी एक करोड़ छात्रों को यूनिकोड देने के बाद ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न बचे।

इस योजना में घपले और डुप्लीकेसी को रोकने के लिए आधार नंबर लिया जाना आवश्यक है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार ने यूआईडीएआई से आधार रखने की अनुमति मांगी थी। यूआईडीएआई ने आधार वर्ल्ड में आधार सुरक्षित रखने की शर्त के साथ इसके अनुमति दे दी है छात्रवृत्ति का काम देख रहे समाज कल्याण विभाग ने संयुक्त निदेशक ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि श्रीटॉन इंडिया लिमिटेड के पास आधार वॉल्ट उपलब्ध है जिसमें किसी के भी आधार नंबर को पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सकता है। यह कंपनी प्रत्येक आधार नंबर के लिए एक यूनिकोड जारी कर देती है। इसके आधार पर विभागीय अधिकारी जांच कर सकते हैं कि दिया गया आधार नंबर उसी छात्र या व्यक्ति का है या नहीं। यूनिक कोड मिलने पर आधार कार्ड के किसी ब्योरे की जानकारी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी भी हासिल नहीं कर सकते।

ट्रेंडिंग वीडियो