यूनिक आईडी कोड सिस्टम के लिये सबसे पहले बाकायदा पूरे इलाके और हर मकान का आईएस सर्वे किया जाएगा। इसके बाद यूनिक कोड नंबर प्लेट लगाए जाएंगे। लखनऊ नगर निगम यूपी का पहला ऐसा निगम होगा जो इसे लागू करेगा। इसके लिये दो साल से राजधानी में सर्वे का काम कर रहा है। आठ में से छह जोन में सर्वे पूरा कर लिया गया है। दो जोन गोमती नगर और इंदिरा नगर में सर्वे पूरा हो चुका है और जल्द ही वहां नंबर प्लेट लगाना शुरू कर दिया जाएगा। इसकी शुरुआत गोमती नगर क्षेत्र से होगी।
अब तक लोग अव्यवस्थित ढंग से मनमाने तरीके से नियमों को ताकपर रखकर जमीनों की खरीद बिक्री और निर्माण कराते चले आ रहे हैं। हालांकि प्रशासन उनपर कार्वाई तो करता है, पर अब इसे पूरी तरह से रोकने में यूनिक कोड नंबर प्लेट सिस्टम बहुत कारगर साबित होगा। क्यूआर कोड को स्कैन कर यह पता लगाया जा सकेगा कि प्राॅपर्टी किसकी है, इसका एरिया क्या है। कितना निर्माण और कितना खाली हिस्सा है। इसके अलावा इस की वार्षिक गणना भी बेहद आसानी से पता की जा सकेगी।
राजस्व वसूली में भी इससे काफी फायदा होगा। मकान नक्शा पास कर बनाया गया है या नहीं, बिल जमा है या बकाया और परिवार के लोगों की पूरी जानकारी बस एक क्लिक पर मिल जाएगी। नगर निगम जब चाहे किसी भी प्राॅपर्टी की जांच बेहद आसानी से कर सकेगी। माना जा रहा है कि लखनऊ में नगर निगम द्वारा शुरू हो रही यह हाईटेक व्यवस्था आने वाले दिनों में यूपी के और शहरों में भी लागू होगी।