केजीएमयू के डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता के शरीर का दाहिना हिस्सा ज्यादा खराब हुआ है। जबड़ा, दाहिनी कोहनी, कॉलर बोन, कूल्हे की हड्डी और दाहिने पैर की हड्डी में फ्रैक्चर है। डॉक्टर का कहना है कि पूरी कोशिश की जा रही है उसे बचा लिया जाए। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त को उसे वेंटीलेटर से हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसे वापस वेंटीलेटर पर ही लाना पड़ा।
इस वजह से हालत क्रिटिकल डॉ. संदीप ने कहा- जांघ की हड्डी टूटने की वजह से तकरीबन डेढ़ लीटर खून बह गया था। इंटरनल ब्लीडिंग भी बहुत ज्यादा हुई थी। इसकी वजह से कंडीशन क्रिटिकल बनी हुई है। कभी-कभी इंटरनल चोट गंभीर होती हैं, जो स्कैन नहीं हो पातीं। पीड़िता की मां आईसीयू के बाहर ही रहती है। मां बाहर निकलने वाले हर डॉक्टर से पूछती है कि मेरी बिटिया अब कैसी है। हालांकि, अब पूरे परिवार को सुरक्षा के घेरे में ले लिया गया है। पहले पीड़िता का परिवार रोज मीडिया से बातचीत करता था, लेकिन शुक्रवार को किसी ने बातचीत नहीं की।