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उन्नाव: मामले से हिली यूपी व संसद, सिर्फ चर्चा होगी या होगी कार्रवाई?

locationलखनऊPublished: Dec 05, 2019 11:09:44 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता के साथ हैदराबाद जैसी वारदात हुई। फर्क केवल इतना है कि पीड़िता का गैंगरेप इस वर्ष मार्च में हुआ था।

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लखनऊ. उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता के साथ हैदराबाद जैसी वारदात हुई। फर्क केवल इतना है कि पीड़िता का गैंगरेप इस वर्ष मार्च में हुआ था। और बुधवार को जेल से निकले उसके आरोपियों ने आज उसपर केरोसीन डालकर उसे जान से मारने की कोशिश की। हैरान करने वाली बात यह ही पीड़िता जलने के बाद भी करीब एक किलोमीटर दौड़ी और उसी स्थिति में किसी का फोन लेकर पुलिस से मदद की गुहार लगाई। पीड़ित महिला आज सुनवाई के लिए कोर्ट जा ही रही थी तभी उसके साथ इस बारदात को अंजाम दिया गया। हैदराबाद मामले की तरह इस मामले ने भी लोगों को हैरान किया। मामला संसद में भी गूंजा। राजनीतिक दलों से प्रतिक्रियाएं आई और योगी सरकार को घेरा गया। कल ही यूपी पुलिस ने आपराधिक आंकड़े जारी किए। डीजीपी ओपी सिंह पुलिस की पीठ थपथपाते नहीं थक रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस यूपी में बेहतर काम कर रही है। अपराधिक वारदातों में गिरावट आई है। लोगों में पुलिस का भय है। भय, जो होना भी चाहिए, लेकिन उन्नाव पीड़िता के अपराधियों में यह भय नहीं था।
स्थानीय पत्रकार ने बताया कि पीड़ित लड़की के साथ मार्च महीने में गैंगरेप की घटना हुई थी और उसी मामले में मुक़दमे के सिलसिले में वह आज सुबह रायबरेली जा रही थी। स्टेशन जाते समय पांच लोगों ने रास्ते में उसे पकड़ लिया और केरोसिन डालकर ज़िंदा जलाने की कोशिश की। इनमें से दो गैंगरेप के आरोपी बुधवार को ही जेल से रिहा हुए थे। जेल की सजा काटने के बावजूद कोई सबक उन्हें नहीं मिला। मानो जेल से निकलकर इस वारदात को अंजाम देने का इंतेजार कर रहे हों।
चश्मदीद की बात से लोग हैरान-

मौका-ए-वारदात से एक चश्मदीद ने जो बताया उससे किसी भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। पीड़िता 90 फीसदी तक जल गई थी, बावजूद इसके वह करीब एक किलोमीटर तक दौड़ी और उसी स्थिति में पुलिस को फोन भी किया। मामले में एक चश्मदीद रविंद्र प्रकाश ने कहा कि उसने देखा कि पीड़िता जलने के बाद भी करीब एक किलोमीटर तक दौड़ते हुए उसके पास मदद के लिए पहुंची। इसके बाद पीड़िता ने उसके फोन से ही खुद 100 नंबर पर पुलिस को घटना की सूचना दी। पीड़िता से बात के बाद ही पुलिस मौके पर पहुंची।
मामले में हुई सियासत-

पुलिस ने तुरंत उसे लखनऊ के सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन नाजुक हालत को देखते हुए उसे शाम को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल भेज दिया गया। इस बीच मामले में खूब सियासत भी हुई। कांग्रेस और सपा के कई नेता अस्पताल पहुंचे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन अपनी टीम के साथ पीड़िता से मिलने आए। सपा एमएलसी ने कहा डीजीपी साहब को वर्दी उतार देनी चाहिए, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जी सत्ता आपसे संभल नहीं रही,अब आप गोरखपुर लौट जाईये। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने योगी सरकार के सामूहिक इस्तीफे की मांग की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा महिला अपराध के मामले में अमित शाह और सीएम योगी झूठ बोल रहे हैं।
मामला संसद में भी गूंजा

शीतकालीन सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने योगी सरकार को घेरा है। उन्होंन कहा कि यूपी में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। यूपी की घटनाओं के बारे में बताने जाएंगे तो आप चौंक जाएंगे। अलग-अलग दलों के सदस्यों ने भी इस मुद्दा को उठाने की कोशिश की। कांग्रेस सदस्यों ने घटना पर चर्चा की मांग की, लेकिन उपराष्ट्रपति वेेंकैया नायडू ने इसकी अनुमति नहीं दी, तो हंगामा हुआ।
निर्भया की मां को अब भी है इंसाफ का इंतेजार-
हंगामा तो पूरे देश में बरपा है। जिस तरह से आए दिन यूपी में अपराधिक वारदातें हो रही हैं, पुलिस का इकबाल खत्म सा होता नजर आ रहा है। सरकार और पुलिस प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद महिलाएं डर के साएं में जीने को मजबूर हैं। कल से सड़क प्रदर्शन होगा। कैंडिल मार्च निकलेंगे। लेकिन फिर इसके बाद क्या? आज ऐसे झंकझोंर कर रख देने वाले अपराधों के बाद हम निर्भया को याद करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात तो यही है कि निर्भया की मां आज भी इंसाफ के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रही है।
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