डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 में तिरुतनि नाम के गांव में हुआ था। राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने जीवन के 40 साल अध्यापन को दिए थे। उनका कहना था कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। वह पढ़ाने से ज्यादा छात्रों के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे। वह पढ़ाई के दौरान काफी खुशनुमा माहौल बना कर रखते थे। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वह एक महान दार्शनिक, महान शिक्षाविद तथा शिक्षक थे। उनके छात्र उनसे बहुत प्यार करते थे।
इसलिये मनाया जाता है शिक्षक दिवस
एक बार उनके छात्रों और दोस्तों ने उनका जन्मदिन मनाने का निश्चय किया इस बारे में जब उनसे अनुमति लेने लेने गए तो उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से बनाए जाने की बजाए अगर शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा इसके बाद से पूरे देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। देश में पहली बार 5 सितंबर 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया।
27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित
डॉ. सर्वपल्ली शिक्षा के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किये, जिसकी वजह से उन्हें यह उपाधि दी गई। डॉ. राधाकृष्णन की याद में ही Shikshak Divas का आयोजन होता है। डॉ. राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार Nobel Prize के लिए नामित किया था।