यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) की ओर से एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह व सहयोगी अपर मुख्य स्थाई एडवोकेट रनविजय सिंह ने सुनवाई के समय अदालत को बताया कि इस मामल में सरकार द्वारा पहले से जांच चल रही है और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि जनहित याचिका पोषणीय नहीं है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले (69000 Shikshak Bharti Case) में भर्ती के नाम पर लोगों से पैसा लिया गया। इस मामले में कई शिक्षा माफिया को गिरफ्तार भी किया गया है। याची ने याचिका में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्ववेदी (Basic Shiksha Mantri Dr Satish Chandra Dwivedi) को भी विपक्षी पक्षकार बनाते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।