योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री, उप्र
पिछले कई चुनावों में उप्र में भाजपा के प्रमुख चेहरे के रूप में कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह आदि होते थे। इस बार के लोकसभा चुनाव की बागडोर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में होगी। वह पार्टी के स्टार प्रचारक के साथ ही चुनाव समन्वयक की भूमिका में होंगे। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी भाजपा के स्टार प्रचारकों में होंगे लेकिन यूपी में पार्टी की जीत का दारोमदार सीएम योगी आदित्यनाथ पर ही होगा।
मुख्यमंत्री, उप्र
पिछले कई चुनावों में उप्र में भाजपा के प्रमुख चेहरे के रूप में कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह आदि होते थे। इस बार के लोकसभा चुनाव की बागडोर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में होगी। वह पार्टी के स्टार प्रचारक के साथ ही चुनाव समन्वयक की भूमिका में होंगे। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी भाजपा के स्टार प्रचारकों में होंगे लेकिन यूपी में पार्टी की जीत का दारोमदार सीएम योगी आदित्यनाथ पर ही होगा।
राहुल गांधी
अध्यक्ष, कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी इस बार अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक के साथ ही प्रमुख रणनीतिकार भी होंगे। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार तो हैं लेकिन उनकी भूमिका पर्दे के पीछे की होगी। प्रियंका गांधी भाई राहुल गांधी की मदद में रहेंगी। हालांकि उनके खुद के चुनाव लडऩे पर अभी संशय है।
अध्यक्ष, कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी इस बार अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक के साथ ही प्रमुख रणनीतिकार भी होंगे। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार तो हैं लेकिन उनकी भूमिका पर्दे के पीछे की होगी। प्रियंका गांधी भाई राहुल गांधी की मदद में रहेंगी। हालांकि उनके खुद के चुनाव लडऩे पर अभी संशय है।
अखिलेश यादव
अध्यक्ष,सपा
इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की बागडोर पूरी तरह से अखिलेश यादव के हाथों में है। इस तरह पार्टी अध्यक्ष के रूप में वह सपा के स्टार प्रचारक के साथ ही प्रचार अभियान के प्रमुख भी होगें। मुलायम सिंह यादव भले ही चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उनकी भूमिका मार्गदर्शक से ज्यादा कुछ नहीं होगी। अखिलेश खुद भी किसी मजबूत सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
अध्यक्ष,सपा
इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की बागडोर पूरी तरह से अखिलेश यादव के हाथों में है। इस तरह पार्टी अध्यक्ष के रूप में वह सपा के स्टार प्रचारक के साथ ही प्रचार अभियान के प्रमुख भी होगें। मुलायम सिंह यादव भले ही चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उनकी भूमिका मार्गदर्शक से ज्यादा कुछ नहीं होगी। अखिलेश खुद भी किसी मजबूत सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
शिवपाल सिंह यादव
अध्यक्ष, प्रसपा
समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल यादव इस बार लोकसभा चुनाव के नए योद्धा होंगे। इसके पहले शिवपाल सपा के लिए प्रचार करते रहे हैं लेकिन इस बार अपने नवगठित दल को जिताने और उसे पहचान बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर होगी। शिवपाल प्रसपा के स्टार प्रचारक होगें। वह फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में भी हैं।
अध्यक्ष, प्रसपा
समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल यादव इस बार लोकसभा चुनाव के नए योद्धा होंगे। इसके पहले शिवपाल सपा के लिए प्रचार करते रहे हैं लेकिन इस बार अपने नवगठित दल को जिताने और उसे पहचान बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर होगी। शिवपाल प्रसपा के स्टार प्रचारक होगें। वह फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में भी हैं।
अनुप्रिया पटेल
संयोजक, अपना दल
अपना दल में वर्चस्व की जंग के बाद पार्टी में दो फाड़ हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपना दल सोनेलाल बना ली है। उनकी पार्टी भी भाजपा की सहयोगी पार्टी के रूप में चुनाव मैदान में होगी। अनुप्रिया अपना दल संयोजक हैं। इस नाते वह खुद अपनी पार्टी को जिताने की रणनीति बनाएंगी। वह मिर्जापुर से चुनाव मैदान में भी होंगी। पिछले चुनाव में उनकी मां कृष्णा पटेल भी अपनी पार्टी के लिए पसीना बहा रही थीं इस बार उनकी अलग राह होगी।
संयोजक, अपना दल
अपना दल में वर्चस्व की जंग के बाद पार्टी में दो फाड़ हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपना दल सोनेलाल बना ली है। उनकी पार्टी भी भाजपा की सहयोगी पार्टी के रूप में चुनाव मैदान में होगी। अनुप्रिया अपना दल संयोजक हैं। इस नाते वह खुद अपनी पार्टी को जिताने की रणनीति बनाएंगी। वह मिर्जापुर से चुनाव मैदान में भी होंगी। पिछले चुनाव में उनकी मां कृष्णा पटेल भी अपनी पार्टी के लिए पसीना बहा रही थीं इस बार उनकी अलग राह होगी।
जयंत चौधरी
महासचिव, रालोद
राष्ट्रीय लोक दल की राजनीतिक विरासत की कमान अब अजीत सिंह के बेटे और पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी संभाल रहे हैं। सपा-बसपा से गठबंधन के बाद जयंत के नौजवान कंधों पर इस बार रालोद का दारोमदार होगा। रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह इस बार मुजफ्फरनगर से ताल ठोकेंगे तो जयंत बागपत से चुनावी मैदान में होंगे।
महासचिव, रालोद
राष्ट्रीय लोक दल की राजनीतिक विरासत की कमान अब अजीत सिंह के बेटे और पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी संभाल रहे हैं। सपा-बसपा से गठबंधन के बाद जयंत के नौजवान कंधों पर इस बार रालोद का दारोमदार होगा। रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह इस बार मुजफ्फरनगर से ताल ठोकेंगे तो जयंत बागपत से चुनावी मैदान में होंगे।
ओमप्रकाश राजभर
अध्यक्ष सुभासपा
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी इस बार के लोकसभा चुनाव की बागडोर फ्रंटफुट से संभाल रहे हैं। पिछले डेढ़ साल से बगावती तेवर दिखाने वाले राजभर सुभासपा के स्टार प्रचारकों में सबसे बड़ा चेहरा होंगे और पूर्वांचल में पार्टी की जीत का दारोमदार उन्हीं के कंधों पर होगा।
अध्यक्ष सुभासपा
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी इस बार के लोकसभा चुनाव की बागडोर फ्रंटफुट से संभाल रहे हैं। पिछले डेढ़ साल से बगावती तेवर दिखाने वाले राजभर सुभासपा के स्टार प्रचारकों में सबसे बड़ा चेहरा होंगे और पूर्वांचल में पार्टी की जीत का दारोमदार उन्हीं के कंधों पर होगा।