ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष ने बताया कि दोनों राज्य कार्यकारिणियों की बैठक में फैसला किया गया कि पार्टी का ओबीसी मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए लिए गए फैसलों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए लोगों तक पहुंचेगा।” उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के कुछ प्रमुख फैसलों में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देना, केंद्रीय मंत्रिपरिषद में 27 ओबीसी मंत्रियों को प्रतिनिधित्व देना, चिकित्सा शिक्षा और अन्य में 27 प्रतिशत आरक्षण शामिल है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने हमेशा समाज के पिछड़े वर्गों के हितों को दबाया है व केवल झूठे वादे ही किए हैं।
ये भी पढ़ें- बॉलीवुड कलाकार की भविष्यवाणी, कहा भाजपा को मिलेगी करारी शिकस्त, इनकी बनेगी सरकार उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने जिस तरह से राज्यसभा में प्रस्ताव का विरोध किया, उसने पिछड़े वर्गों के प्रति अपना वास्तविक रवैया दिखाया है। लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद और 1950 में काका कालेलकर आयोग और 1979 में मंडल आयोग की सिफारिशों के बाद भी पिछड़े वर्गों के हितों की पूर्ति की दिशा में कांग्रेस द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”
पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी एक प्रभावशाली और निर्णायक वोट बैंक है और हाल के दिनों में इसने भाजपा के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पार्टी से जुड़े अंदरूनी सूत्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी चुनावी रूप से महत्वपूर्ण हैं। इस बार हम सभी ओबीसी समुदायों, खासकर गैर-यादवों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव में ओबीसी वोट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा ओबीसी वोट शेयर उत्तर प्रदेश में काफी बड़ा है, ऐसे में यह समुदाय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ये भी पढ़ें- राजनीतिक पार्टियों के टिकट वितरण का फॉर्मूला तैयार, जानें क्या है गणित अखिलेश यादव ने साधा निशाना- सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरक्षण मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि ‘भाजपा सरकार ने लंबे समय से चली आ रही ‘ओबीसी’ समाज की गणना की मांग को ठुकरा कर साबित कर दिया है कि वो ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ को गिनना नहीं चाहती है क्योंकि वो ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में उनका हक नहीं देना चाहती है। धन-बल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी है।