अपने ही हो रहे विरोधी इसके साथ ही पार्टी को अपने ही सांसदों और विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यूपी के कई सांसदों और विधायकों ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं। हाल ही में सीतापुर के एक नाराज़ भाजपा विधायक तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मिले थे। हरदोई के विधायक आशीष सिंह भी योगी सरकार के कामकाज से असंतुष्ट हैं। इसके अलावा बीजेपी सांसद वरुण गांधी, बरेली के दो सांसद समेत कई जनप्रतिनिधि योगी सरकार की कार्यशैली से नाराज हैं।
सीएम के आदेशों की सख्ती ने अपनों को किया दूर 2017 में 300 से अधिक विधायकों के साथ यूपी की सत्ता संभालते ही सीएम योगी ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे कि वह किसी के दबाव में काम नहीं करेंगे। उन्होंने अपने मंत्रियों और विधायकों को भी कानून के दायरे में रहकर काम करने की नसीहत भी दी थी। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद करीब दो साल तक सब कुछ ठीक चलता रहा। इस दौरान योगी सरकार ने कानून व्यवस्था में सुधार के लिए कई कड़े कदम भी उठाए। जिसमें ऑपरेशन, क्लीन, ऑपरेशन बुलडोजर आदि कई प्रमुख फैसले शामिल हंै। इस दौरान सीएम योगी के आदेशों का सख्ती से पालन करने के बहाने अफसरों ने जनप्रतिनिधियों की बातों को भी अनसुना करना शुरू कर दिया। जिसको लेकर कई विधायकों ने संगठन से सरकार के कामकाजों के लेकर पत्र के जरिए सवाल उठाए।
बैठकों से नहीं निकला कोई रास्ता इसके अलावा कुछ मंत्रियों के बयानों में सरकार के कामों के लेकर विरोध दिखा। संगठन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कई बार सरकार और संगठन के बीच समन्वय को लेकर बैठकें भी हुईं। बैठकों के बाद सरकार-संगठन ने सामूहिक बयान जारी कर समन्वय की बात कही।