प्रियंका ने कहा कि ऐसी ही हालत धान की भी है। प्रदेश सरकार ने धान मात्र 1850 रुपया प्रति कुंतल खरीदने की घोषणा की है। धान के किसानों की लागत बढ़ने के बाद भी उन्हें उचित दाम नहीं मिल रहे। उत्तर प्रदेश का किसान संकट की घड़ी में है। ऐसे में सरकार का कर्तव्य बनता है कि उन्हें उनकी फसलों के सही दाम दिए जाएं।
किसानों ने किया विधानसभा घेराव बता दें कि गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी न होने से परेशान भारतीय यूनियन किसान (भाकीयू) के सैकड़ों किसानों ने बुधवार तड़के राजधानी लखनऊ में विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की। सुबह करीब 4 बजे किसान विधानसभा के घेराव के लिए पहुंचे लेकिन पुलिस ने पहले से ही बैरिकेडिंग कर रखी थी। किसानों ने बापू भवन के करीब गन्ना और पराली जलाकर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को किसान विरोधी बताकर अपनी मांगे पूरी करने तक आंदोलन की चेतावनी दी। पुलिस ने उनपर पानी की बौछार कर उन्हें काबू में करने की कोशिश की और फिर बस में भरकर दूर तक ले जाया गया। इस दौरान कई किसानों को हिरासत में लिया गया।
ये भी पढ़ें: आक्रोशित किसानों ने सुबह चार बजे से किया विधानसभा का घेराव, जलाई पराली, कई हिरासत में किसानों का कहना है कि बच्चों को पढ़ाने से लेकर घर के हर एक कामकाज के लिए उनके पास सिर्फ गन्ना ही आमदनी का एक स्त्रोत है। ऐसे में अगर गन्ना मूल्य भुगतान देर से होगा और गन्ने का समर्थन मूल्य भी दो साल में एक बार बढ़ेगा, तो घर का चूल्हा कैसे जलेगा। ऐसे में सरकार के सामने अपनी बात रखने के लिए वे तब तक आंदोलन करते रहेंगे, जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती।
किसानों की प्रमुख मांगें गन्ने का मूल्य 450 रूपए प्रतिकुंतल किया जाए खेतों में आवारा पशुओं से छुटकारा फल, सब्जी व दूध न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधीन हो किसानों की फसल लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का फार्मूला लागू हो
मेंथा को फसल का दर्जा देते हुए मंडी शुल्क खत्म किया जाए फसलों का लाभकारी मूल्य- डॉक्टर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए उत्तर प्रदेश मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना हो कृषि उत्पादों की कीमतों को निर्धारिक किया जाए। इसके लिए कारगार योजना बने
कृषि को संविधान की समवर्ती सूची में शामिल कराया जाए फसली ऋण के स्थान पर कृषि निवेश भी जोड़ा जाए। किसान को खरीफ व रबी फसली ऋण एक साथ दिया जाए गरीब किसान को एक लाख की सीमा तक ब्याज रहित कृषि ऋण मिले
किसानों को निजी नलकूप के कनेक्शन जारी हो बुंदेलखंड के किसानों के सभी कर्ज माफ हों किसान आय आयोग का गठन करते हुए किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए आंदोलन के दौरान किसानों पर लगे मुकदमे वापस हो
प्रदेश में मिट्टी के माइक्रो टेस्ट के लिए लैब बने