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आग बबूला हुए किसान तो प्रियंका ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कहा हजार करोड़ रुपया अभी भी बकाया

locationलखनऊPublished: Dec 11, 2019 06:34:50 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

गन्ना खरीद के मूल्य में कोई वृद्धि न होने से दुखी किसानों के विरोध के सिलसिले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

आग बबूला हुए किसान, प्रियंका ने सीएम योगी को पत्र लिखकर कहा हजार करोड़ रुपया अभी बकाया

आग बबूला हुए किसान, प्रियंका ने सीएम योगी को पत्र लिखकर कहा हजार करोड़ रुपया अभी बकाया

लखनऊ. गन्ना खरीद के मूल्य में कोई वृद्धि न होने से दुखी किसानों के विरोध के सिलसिले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने यूपी के मुख्यमंत्री (CM Yogi Adityanath) को पत्र लिखा। पत्र के माध्यम से प्रियंका ने मुख्यमंत्री से फसलों के सही दाम लगाए जाने का आग्रह किया। पत्र में उन्होंने कहा कि पिछले पेराई सत्र में गन्ना मूल्य में एक भी रुपया नहीं बढ़ा यह बढ़े ही आश्चर्य की बात है। सरकार में खाद का दाम दोगुना हुआ, बिजली के बिल में वृद्धि हुई, निराई-गुढ़ाई में मजदूरी बढ़ी। किसानों की लागत भी बढ़ी लेकिन उनकी फसलों के दामों में वृद्धि नहीं हुई। उत्तर प्रदेश सरकार में किसानों का हजार करोड़ रुपया भी बकाया है।
आग बबूला हुए किसान, प्रियंका ने सीएम योगी को पत्र लिखकर कहा हजार करोड़ रुपया अभी बकाया
प्रियंका ने कहा कि ऐसी ही हालत धान की भी है। प्रदेश सरकार ने धान मात्र 1850 रुपया प्रति कुंतल खरीदने की घोषणा की है। धान के किसानों की लागत बढ़ने के बाद भी उन्हें उचित दाम नहीं मिल रहे। उत्तर प्रदेश का किसान संकट की घड़ी में है। ऐसे में सरकार का कर्तव्य बनता है कि उन्हें उनकी फसलों के सही दाम दिए जाएं।
किसानों ने किया विधानसभा घेराव

बता दें कि गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी न होने से परेशान भारतीय यूनियन किसान (भाकीयू) के सैकड़ों किसानों ने बुधवार तड़के राजधानी लखनऊ में विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की। सुबह करीब 4 बजे किसान विधानसभा के घेराव के लिए पहुंचे लेकिन पुलिस ने पहले से ही बैरिकेडिंग कर रखी थी। किसानों ने बापू भवन के करीब गन्ना और पराली जलाकर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को किसान विरोधी बताकर अपनी मांगे पूरी करने तक आंदोलन की चेतावनी दी। पुलिस ने उनपर पानी की बौछार कर उन्हें काबू में करने की कोशिश की और फिर बस में भरकर दूर तक ले जाया गया। इस दौरान कई किसानों को हिरासत में लिया गया।
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किसानों का कहना है कि बच्चों को पढ़ाने से लेकर घर के हर एक कामकाज के लिए उनके पास सिर्फ गन्ना ही आमदनी का एक स्त्रोत है। ऐसे में अगर गन्ना मूल्य भुगतान देर से होगा और गन्ने का समर्थन मूल्य भी दो साल में एक बार बढ़ेगा, तो घर का चूल्हा कैसे जलेगा। ऐसे में सरकार के सामने अपनी बात रखने के लिए वे तब तक आंदोलन करते रहेंगे, जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती।
किसानों की प्रमुख मांगें

गन्ने का मूल्य 450 रूपए प्रतिकुंतल किया जाए

खेतों में आवारा पशुओं से छुटकारा

फल, सब्जी व दूध न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधीन हो

किसानों की फसल लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का फार्मूला लागू हो
मेंथा को फसल का दर्जा देते हुए मंडी शुल्क खत्म किया जाए

फसलों का लाभकारी मूल्य- डॉक्टर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए

उत्तर प्रदेश मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना हो

कृषि उत्पादों की कीमतों को निर्धारिक किया जाए। इसके लिए कारगार योजना बने
कृषि को संविधान की समवर्ती सूची में शामिल कराया जाए

फसली ऋण के स्थान पर कृषि निवेश भी जोड़ा जाए।

किसान को खरीफ व रबी फसली ऋण एक साथ दिया जाए

गरीब किसान को एक लाख की सीमा तक ब्याज रहित कृषि ऋण मिले
किसानों को निजी नलकूप के कनेक्शन जारी हो

बुंदेलखंड के किसानों के सभी कर्ज माफ हों

किसान आय आयोग का गठन करते हुए किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए

आंदोलन के दौरान किसानों पर लगे मुकदमे वापस हो
प्रदेश में मिट्टी के माइक्रो टेस्ट के लिए लैब बने

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