यूपी एटीएस को जानकारी मिली थी कि नूर रोहिंग्या को लेकर ब्रह्मपुत्र मेल से दिल्ली जा रहा है। इस पर टीम ने ट्रेन को गाजियाबाद स्टेशन पर रुकवाकर करीब छह लोगों को ट्रेन से उतरवाया व उनसे पूछताछ की। इनमें से तीन लोग तस्कर थे व बाकी रोहिंग्या। तस्करों में सरगना बांग्लादेश निवासी मुहम्मद नूर उर्फ नूरुल इस्लाम, म्यांमार निवासी रहमतुल्लाह व शबीउर्रहमान उर्फ शबीउल्लाह शामिल थे। उनको गिरफ्तार कर लखनऊ थाने में एटीएस ने एफआईआर दर्ज करा दी है है। इस गिरोह का उनके साथ मिली म्यांमार निवासी दो किशोरियों को दिल्ली एनसीआर में बेचने का प्लान था। वहीं एक अन्य शख्स भी म्यांमार का है, जिसे नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था।
प्रशांत किशोर ने बताया यह गिरोह ऐसे काम कर अच्छी धन उगाही करता है। म्यांमार व बांग्लादेश से महिलाओं व बच्चों को अवैध तरीके से यह भारत लाते थे। उनके फर्जी दस्तावेज बनवाकर उन्हें बेच देते थे। यह लोग महिलाओं को शादी करवाने, पुरुषों व बच्चों को फैक्ट्रियों में काम देने का लालच देते थे। लेकिन अंत में उन्हें असामाजिक तत्वों के हाथों बेच देते थे। इन लोगों का यह आर्थिक, मानसिक व शारीरिक शोषण करते थे। इससे इनको मोटी कमाई होती, जो ये आपस में बांट लेते थे। यूपी एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि इन तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया है। रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। वहीं दोनों किशोरियों को पूछताछ के बाद आशा ज्योति केंद्र भेज दिया गया है।