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मौलाना उमर गौतम पर कसा यूपी एटीएस का शिकंजा, लखनऊ में अल हसन इंस्टीट्यूट पर मारा छापा

locationलखनऊPublished: Jun 24, 2021 07:09:10 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

यूपी में अवैध धर्मांतरण (Religion Conversion) मामले में गिरफ्त में आए दो आरोपियों में से मौलाना उमर गौतम (Umar Gautam) की रिमांड मिलने के बाद यूपी एटीएस (UP ATS) ने उसपर और शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

Umar school

Umar school

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. यूपी में अवैध धर्मांतरण (Religion Conversion) मामले में गिरफ्त में आए दो आरोपियों में से मौलाना उमर गौतम (Umar Gautam) की रिमांड मिलने के बाद यूपी एटीएस (UP ATS) ने उसपर और शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। टीम ने पाया है कि लखनऊ में भी मौलाना ने बड़ा नेटवर्क स्थापित कर दिया था। यहां मलिहाबाद में उसकी अल हसन इंस्टीट्यूट है, जहां गरीब लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने का काम किया जा रहाथा। यूपी एटीएस ने गुरुवार को इस इंस्टीट्यूट पर छापा मारा व जांच की। अवैध धर्मांतरण मामलों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस कारण जांच एजेंसियां भी लगातार और मुस्तैद हैं। सीएम योगी ने आदेश दिया है कि देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपट जाएं।
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काकोरी क्षेत्र के रहमान खेड़ा में अल हसन इंस्टीट्यूट में यूपी एटीएस धर्मांतरण के साथ अन्य मामलों की जांच भी कर ही है। माना जा रहा है कि यहां पर एजेंसी को टेरर एंगल भी मिला है। एटीएस मौलाना मोहम्मद उमर गौतम के साथ उसके साथी जहांगीर की भी हर हरकत पर बारीक नजर रख रही है।
जमीएत उलेमा ए हिंद सहित अन्य धर्मगुरु आए आगे-
जबरन धर्मांतरण मामले में हुई गिरफ्तारियों के मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद सहित अन्य धर्मगुरु आए आगे। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि जिस प्रकार मीडिया उमर गौतम मामले को पेश कर रहा है, वह चिंताजनक है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उमर गौतम के पुत्र अब्दुल्ला उमर के अनुरोध पर उमर की कानूनी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने यूपी एटीएस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं व कहा कि यूपी एटीएस की गिरफ्तारी कई बार सही नहीं होती है और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
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धर्मांतरण कानून को हाईकोर्ट में चुनौती-
यूपी धर्मांतरण कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब मांगा है। एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव की ओर से दाखिल की गई याचिका में कानून को रद्द करने की मांग की गई है। धर्मांतरण कानून को संविधान के विपरीत बताया गया है। इसमें कहा गया है कि यह कानून सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से बनाया गया है।
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