लॉकडाउन के दौरान भी यूपी के सभी जिलों में योगी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 3.477 लाख कुंतल गेहूं खरीदा है। इसी दौरान किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 8887 मीट्रिक टन चने की भी खरीद हुई और समय पर किसानों को भुगतान किया गया है। वहीं इस सत्र में 11 हजार 500 लाख कुंतल गन्ने की पेराई भी हुई। लॉकडाउन के बावजूद यूपी में रिकार्ड 1251 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन हुआ है। इसके साथ ही यूपी देश का नंबर–1 चीनी उत्पादक प्रदेश बन गया है। चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान फसलों की कटाई के लिए यूपी सरकार ने कृषि यंत्रों को खेतों तक जाने की सबसे पहले छूट दी थी। जिससे किसानों को खेती संबंधी कार्यों में कोई परेशानी न हो। इस अवधि में यूपी सरकार ने सभी 119 चीनी मिलें चलाईं हैं। इसके साथ ही योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान इस सत्र का गन्ना किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है। फसल खरीद के तत्काल बाद सीधे खातों में पैसे भेजे गए हैं।
किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिले दो-दो हजार रुपए
बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले तीन सालों में योगी सरकार ने गन्ना किसानों को 99 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है। 72 हजार 424 श्रमिकों को भी पूरे लॉकडाउन के दौरान 119 चीनी मिलों में रोजगार मिला। 35 से 40 हजार किसान इन 119 चीनी मिलों से सीधे जुड़े हैं, वहीं गन्ना छिलाई में भी 10 लाख श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार दिया गया। यही नहीं प्रदेश के 2 करोड़ 4 लाख किसानों को कोरोना आपदा के दौरान दो बार 2- 2 हजार रुपए की किस्त किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से भेजी गई।