…तो इसलिए भेजा जाएगा गुजरात
बीजेपी के नए मेयरों को गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए भेजा जाएगा। यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी को जब बढ़त मिलने लगी तो उसी के बाद मेयरों को गुजरात भेजने की चर्चा होने लगी थी कि भाजपा इसको गुजरात में कैसे भुनाएगी। इससे ये संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि हवा बीजेपी के पक्ष में है।
बीजेपी के नए मेयरों को गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए भेजा जाएगा। यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी को जब बढ़त मिलने लगी तो उसी के बाद मेयरों को गुजरात भेजने की चर्चा होने लगी थी कि भाजपा इसको गुजरात में कैसे भुनाएगी। इससे ये संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि हवा बीजेपी के पक्ष में है।
18 फीसदी वोट पाकर बन गई सबसे बड़ी पार्टी
उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में भाजपा को 18 फीसदी सीटें मिली हैं। चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने ६० प्रतिशत सीटों पर कब्जा जमाया है। महापौर की 2 सीटें बसपा ने जीतीं हैं, लेकिन कुल सीटों के हिसाब से समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी बन कर उभरी है जबकि बीएसपी तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर है।
75 जिलों के 652 निकायों के नतीजे
यूपी के 75 जिलों के 652 निकायों में महापौर, नगर पंचायत अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद अध्यक्ष, नगर निगम परिषद, नगर पंचायत सदस्य, नगरपालिका अध्यक्ष, नगरपालिका सदस्य की 12, 647 सीटों के लिए चुनाव हुए, जिनमें निदज़्लीयों को 7,661 सीटें मिलीं। 60 फीसदी से ज्यादा सीटें निदज़्लीयों ने जीत लीं। राजनीतिक दलों में सबसे आगे बीजेपी रही, जिसे 2296 सीटें मिलीं। दूसरे नंबर पर समाजवादी पाटीज़् रही, जिन्हें महापौर की एक भी सीट भले नहीं मिली हो, लेकिन कुल 1260 सीटें उसके खाते में आयीं। बीएसपी को महापौर की 2 सीटों समेत 703 सीटें और कांग्रेस को 420 सीटें मिली हैं।
उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में भाजपा को 18 फीसदी सीटें मिली हैं। चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने ६० प्रतिशत सीटों पर कब्जा जमाया है। महापौर की 2 सीटें बसपा ने जीतीं हैं, लेकिन कुल सीटों के हिसाब से समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी बन कर उभरी है जबकि बीएसपी तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर है।
75 जिलों के 652 निकायों के नतीजे
यूपी के 75 जिलों के 652 निकायों में महापौर, नगर पंचायत अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद अध्यक्ष, नगर निगम परिषद, नगर पंचायत सदस्य, नगरपालिका अध्यक्ष, नगरपालिका सदस्य की 12, 647 सीटों के लिए चुनाव हुए, जिनमें निदज़्लीयों को 7,661 सीटें मिलीं। 60 फीसदी से ज्यादा सीटें निदज़्लीयों ने जीत लीं। राजनीतिक दलों में सबसे आगे बीजेपी रही, जिसे 2296 सीटें मिलीं। दूसरे नंबर पर समाजवादी पाटीज़् रही, जिन्हें महापौर की एक भी सीट भले नहीं मिली हो, लेकिन कुल 1260 सीटें उसके खाते में आयीं। बीएसपी को महापौर की 2 सीटों समेत 703 सीटें और कांग्रेस को 420 सीटें मिली हैं।