गायब मिले छात्र जिन छात्रों के आधार कार्ड नहीं है उनके बारे में पता करने की कोशिश की गई तो ज्यादातर छात्र स्कूलों से नदारद मिले। यूपी बोर्ड एग्जाम के दौरान पूर्व में कई ऐसे मामले पकड़े गए जो दूसरे के स्थान पर एग्जाम दे रहे थे। सबसे अधिक माल, मलिहाबाद व सरोजनीनगर के स्कूलों में डीआईओएस की ओर से कराए गए निरीक्षण में भारी संख्या में फर्जी पंजीकरण पकड़े गए हैं। वहीं बीते साल बोर्ड एग्जाम के दौरान इन्हीं क्षेत्रों में भारी संख्या में परीक्षा केंद्रों पर नकल कराने की पुष्टि हुई थी।
स्कूलों के प्रिंसपल को सौंपी गई जिम्मेदारी स्कूलों के प्रिंसिपलों पर शिक्षा विभाग ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। डीआईओएस ने आदेश दिया गया है कि स्कूल एग्जाम से पहले सभी स्टूडेंट्स के आधार कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें। पूरे मामले पर डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि आधार कार्ड के अनिवार्य होने के बाद एग्जाम में फर्जी स्टूडेंट्स के बैठने पर रोकथाम लगेगी।
छात्रों को जागरूक किया जाएगा डीआईओएस ने बताया कि एग्जाम के लिए जिले के सभी स्टूडेंट्स को आधार कार्ड के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस अभियान के तहत ऐसे सभी स्टूडेंट्स जो इस बार यूपी बोर्ड का एग्जाम देने जा रहे हैं उनके आधार कार्ड शिक्षक पहले ही जांचेंगे। हाई स्कूल व इंटर के जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने हैं उन्हें चिन्हित कर उनका आधार कार्ड बनवाने के लिए अभिभावकों से कहा जाएगा.
छात्रों की संख्या बढ़ी
इस बार यूपी बोर्ड एग्जाम में तीन हजार से अधिक स्टूडेंट्स का इजाफा हुआ है। साल 2018 की यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट एग्जाम में जो लगभग तीन हजार छात्र बढ़े हैं उसमें प्राइवेट और रेग्युलर दोनों शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 की यूपी बोर्ड एग्जाम में कुल 1,02,661 स्टूडेंट रजिस्टर्ड थे। वहीं इस बार यह संख्या बढ़कर 1,05,598 हो गई है। करीब 2,937 स्टूडेंट इस बार बढ़ गए हैं।
इस बार यूपी बोर्ड एग्जाम में तीन हजार से अधिक स्टूडेंट्स का इजाफा हुआ है। साल 2018 की यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट एग्जाम में जो लगभग तीन हजार छात्र बढ़े हैं उसमें प्राइवेट और रेग्युलर दोनों शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 की यूपी बोर्ड एग्जाम में कुल 1,02,661 स्टूडेंट रजिस्टर्ड थे। वहीं इस बार यह संख्या बढ़कर 1,05,598 हो गई है। करीब 2,937 स्टूडेंट इस बार बढ़ गए हैं।
डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह ने कहा है कि आधार कार्ड के अनिवार्य होने के बाद एग्जाम में फर्जी स्टूडेंट्स के बैठने पर रोक लगेगी। प्रिंसिपल से जल्द ही स्टूडेंट्स के आधार बनवाने के निर्देश दिये गये हैं। इस प्रक्रिया से राजधानी में होने वाले फर्जी पंजीकरण के खेल पर भी रोक लगेगी।