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विशेष तौर पर लागू होगा यह नियम
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् विभाग इस बार यह नियम विशेष तौर पर लागू करेगा। विभाग का मानना है कि जो शिक्षक हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं की कॉपियों को चेक करते हैं उनका लेखा जोखा विभाग के पास नहीं होता है। इसलिए हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं की कॉपियों को चेक करने वाले शिक्षकों का लेखा जोखा रखने के लिए शिक्षकों से आधार कार्ड की अनिवार्यता का प्लान तैयार किया है। इससे शिक्षकों का पूरा ब्योरा विभाग के पास सुरक्षित रहेगा, ताकि मूल्यांकन के दौरान जब भी जरूरत पड़े तो उन शिक्षकों के संम्पर्क किया जा सकें।
परीक्षाएं खत्म होने के बाद शुरू होगा मूल्यांकन
बता दें कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में शुरू हो जाएगी और मार्च माह के पहले सप्ताह में समाप्त हो जाएंगी। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं समाप्त होने के बाद कुछ ही दिनों में परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन भी शुरू हो जाएगा। लेकिन इससे पहले कॉपियां चेक करने वाले शिक्षकों से सबसे पहले आधार कार्ड की एक कॉपी जमा करा ली जाएगी। जिससे कॉपियों को चेक करने वाले शिक्षकों की जानकारी विभाग के रिकार्ड में रहे।
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गड़बड़ी करने शिक्षकों पर लगेगी लगाम
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं के मूल्यांकन के लिए राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। इस बार हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं के मूल्यांकन के लिए लगभग 4 हजार शिक्षक तैनात किए जा सकते हैं। इन सभी शिक्षकों को अपने आधार कार्ड की पूरी जानकारी देनी होगी। शिक्षकों के लिए आधार कार्ड इसलिए जरूरी किया गया है ताकि वह परीक्षाओं के मूल्यांकन में किसी भी प्रकार की कोई भी गड़बड़ी न कर सकें और इससे गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों पर लगाम लगेगी।