अभी बढ़ सकती है संख्या जानकारों की मानें तो गणित और विज्ञान की परीक्षा के दिन ये संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि इन सब्जेक्ट में अधिकतम छात्र अनुपस्थित होते हैं। छात्रों का लगातार यूं परीक्षा छोड़कर जाना यूपी सरकार के एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है। इस साल यूपी बोर्ड को लेकर सरकार की तरफ से काफी सख्ती की जा रही है। नकल रोकने के लिए राज्य सरकार ने सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद असर साफ दिखाई दे रहा है। परीक्षा के पहले दिन 1.75 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी।
66 लाख छात्र दे रहे हैं परीक्षा यूपी बोर्ड की परीक्षा 6 फरवरी से शुरू हुई थी, इसमें कुल 66 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हो रहे हैं। इस बार 10वीं में 36,55,691 छात्र शामिल हैं और 12वीं में 29,81,327 छात्र शामिल हैं। बता दें कि बोर्ड के पहले दिन 1.75 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी। 2 दिनों में छात्रों की संख्या 5 लाख के पार हो गई थी। ऐसे में राज्य सरकार ने कहा है कि यूपी बोर्ड की परीक्षा को लेकर लगातार सख्ती बरती जा रही है और आगे भी जारी रहेगी।
नकल माफियाओं पर नकेल नकल के मामले में यूपी और बिहार को अव्वल माना जाता रहा है। नकल माफिया बच्चों से नकल करवाने के लिए पैसे हड़पते हैं। इन नकल माफियाओं में स्कूल का प्रशासन और अन्य लोग शामिल होते हैं। ऐसे में परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद नकल माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। इसी के साथ योगी सरकार की सख्ती का असर साफ दिखने को मिल रहा है।
सरकार की इमेज बिल्डिंग में मदद जानकारों की मानें तो अगर योगी सरकार यूपी बोर्ड की परीक्षाएं नकलवहीन कराने में सफल हो जाती है तो जनता के बीच काफी पॉजिटिव इमेज बनेगी जिसका लाभ बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हो सकता है। बता दें कि 2018 में परीक्षा शुरू होने की तारीख व विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम तय समय से काफी पहले घोषित किया गया, ताकि परीक्षार्थियों को तैयारी करने का पूरा मौका मिले, फिर परीक्षा केंद्रों के संसाधन व उनके निर्धारण पर फोकस किया गया।
वर्ष – परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या 2013 -564638 2014 -611514 2015 -595446 2016 -645024 2017 -535494
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