यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा है कि नकल विहीन परीक्षा के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। अतिसंवेनशील परीक्षा केंद्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट नियुक्ति किए गए हैं। इनके साथ सचल दल/सेक्टर मजिस्ट्रेटों को भी तैनात कर दिया गया है।
1. परीक्षा में शामिल होंगे 66,37,018 छात्र-छात्राएं
2. परीक्षा के लिए 75 जिलों में बनाए गए 8549 केंद्र
3. हाईस्कूल में कुल 36,55,691 परीक्षार्थी
4. इसमें संस्थागत/व्यक्तिगत 21,43,387 छात्र, 15,12,304 छात्राएं
5. इंटरमीडिएट में कुल 29,81,327 परीक्षार्थी
6. इसमें संस्थागत/व्यक्तिगत 16,74,124 छात्र, 13,07,203 छात्राएं
7. प्रदेश में 1521 संवेदनशील, 566 अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्र
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं कम समय में होंगी सम्पन्न
इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षाएं काफी कम समय में सम्पन्न हों जाएंगी। हाईस्कूल की परीक्षाएं 6 फरवरी से शुरू होकर 22 फरवरी तक मार्च 14 दिन में जबकि इंटरमीडिएट की सभी परीक्षाएं 6 फरवरी से 12 मार्च के बीच मात्र 26 दिन में खत्म हों जाएंगी। यह भी पहली बार हो रहा है जब सभी प्रमुख विषयों की परीक्षाएं शुरू में ही होंगी।
50 फीसदी तक गिर सकते हैं परिणाम
यूपी सरकार ने इस बार नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए जिस तरह शासन-प्रशासन के अफसरों से लेकर एसटीएफ, सशस्त्र पुलिस समेत एलआईयू को लगाया है और केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक तक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की गई है, उससे परिणाम 50 फीसदी के आस पास रहने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा हुआ तो वर्ष 1998 के बाद पहली बार परीक्षा में सफल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या सबसे कम होगी, क्योंकि वर्ष 1999 से 2016 तक परीक्षार्थियों की सफलता का प्रतिशत 61.34 से 87.82 के बीच रहा जबकि वर्ष 2017 में हाईस्कूल में 81.18 प्रतिशत एवं इंटरमीडिएट में 82.62 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए।