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यूपी बोर्ड में घटे एग्जाम सेंटर्स, परीक्षा पैटर्न में भी हुआ बदलाव

locationलखनऊPublished: Nov 06, 2018 12:53:06 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

यूपी बोर्ड में घटे एग्जाम सेंटर्स, परीक्षा पैटर्न में भी हुआ बदलाव

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यूपी बोर्ड में घटे एग्जाम सेंटर्स, परीक्षा पैटर्न में भी हुआ बदलाव

लखनऊ. यूपी बोर्ड ने इस बार नकलवहीन परीक्षा कराने के लिए कमर कस ली है। बोर्ड की ओर से जारी सूची में पिछले साल की तुलना में इस बार एग्जाम सेंटर्स कम कर दिए गए हैं। बोर्ड की ओर से इस बार 2019 की बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 8071 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, जबकि 2018 में कुल 8549 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था।

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में अबकी बार अर्थात 2019 की परीक्षा में 57.87 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे, जो 2018 की बोर्ड परीक्षा 66.39 लाख की अपेक्षा 8.52 लाख कम हैं। साढ़े आठ लाख परीक्षार्थी कम होने के साथ परीक्षा केंद्रों की संख्या में 478 की कमी आई है। बोर्ड की ओर से आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी। इसमें कुछ केंद्रों में बदलाव होने की संभावना है। बोर्ड सचिव की ओर से जारी सूची पर अब जनपदीय एवं मंडलीय केंद्र चयन समितियों की ओर से आपत्तियों को सुनने के बाद केंद्रों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
लागू होगा NCERT पैटर्न

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने गणित, भौतिक, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान समेत कई विषयों में खंड (सेक्शन) सिस्टम को खत्म कर दिया है। वहीं प्रश्नों की संख्या को भी कम कर दिया गया है। अब अंक बढ़ा दिए गए हैं। ऐसे में छात्रों को नए पैटर्न के आधार पर परीक्षा की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों के लिए मॉडल पेपर जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि यूपी बोर्ड में इस बार एनसीईआरटी पैटर्न लागू होगा। पिछले दिनों इसकी घोषणा की गई थी। कम दिनों में परीक्षा कराने के फैसले के बाद अब माध्यमिक शिक्षा परिषद ने पेपर के पैटर्न में भी फेरबदल किया है। परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने इंटर के विज्ञान व कला वर्ग के 40 प्रमुख विषयों के मॉडल पेपर जनपदों को जारी कर दिए हैं। वहीं हाईस्कूल के हिंदी विषय का मॉडल पेपर अभी भेजा गया है।
25 से ज्यादा छात्र नहीं बैठ पाएंगे एक कमरे में

इस बार एक कमरे में 25 से ज्यादा छात्र नहीं बैठ सकेंगे। इस अलावा जो भी सेंटर इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि 16 अक्टूबर को जारी केंद्र निर्धारण नीति में पहली बार छात्रों के बैठने के लिए कमरे के आवश्यक क्षेत्रफल का जिक्र किया गया था। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड के जो मानक तय किए हैं उनके अनुसार एक क्लास रूम की साइज 48 वर्गमीटर (8 मीटर गुणे 6 मीटर) होती है। एक छात्र को बैठने के लिए 20 वर्ग फीट या 1.86 वर्गमीटर जगह की आवश्यकता होती है। इस लिहाज से एक मानक कमरे में सिर्फ 25 छात्रों को ही बैठाया जा सकता है। केंद्र निर्धारण नीति के बिन्दु संख्या एक (ड) में क्षेत्रफल दिया गया है। क्षेत्रफल का मानक तो पहले से है लेकिन इसे केन्द्र निर्धारण नीति में शामिल नहीं किया जाता था। इसके चलते मनमाने तरीके से छात्रों का सेंटर्स को आवंटन किया जाता रहा है। यहां तक कि पिछले साल बोर्ड ने जब खुद ऑनलाइन केंद्र निर्धारण किया था तो वह खुद इस मानक का पालन नहीं कर सका था।
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