कोरोना के कारण इस बार सरकार ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनकी प्री-बोर्ड व बोर्ड की परीक्षा में आए अंकों के अनुसार रिजल्ट घोषित कर दिए थे। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इस पर ऐलान किया था कि जो छात्र अंकों से असंतुष्ट हैं, वे दोबोरा सुधार के लिए परीक्षे दे सकते हैं।
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अंक सुधार के लिए 18 सितंबर से परीक्षाएं होंगी, जो छह अक्टूबर तक चलेंगी। 10वीं की परीक्षा 12 दिनों में और 12वीं की परीक्षा 15 दिनों में पूरी कराई जाएगी। यह परीक्षाएं दो पालियों में होंगी। इस परीक्षा में जो अंक मिलेंगे, वहीं अंतिम रूप से मान्य होंगे। प्रोन्नत किए जाने पर मिले अंक अमान्य कहलाएंगे। मतलब अंक सुधार में यदि परीक्षार्थी फेल होते हैं, तो वह फेल ही माने जाएंगे।
इससे पहले यूपी बोर्ड की परीक्षा में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल 56 लाख से अधिक विद्यार्थियों को प्रोमोट किए गए थे। 31 जुलाई को रिजल्ट आया था।