दिनेश खटीक मवाना थाना क्षेत्र के फलावदा कस्बे के रहने वाले हैं। मेरठ की हस्तिनापुर सीट से वह भाजपा विधायक हैं। 2017 में वह पहली बार विधायक चुने गये थे। उन्होंने बसपा के योगेश वर्मा को हराया था। शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। इनके पिता भी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं।
गोंडा जिले के मूल निवासी पलटू राम बलरामपुर सुरक्षित सीट से भाजपा के विधायक हैं। छात्र राजनीति से राजनैतिक करियर शुरू किया। भाजपा के बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह के सानिध्य में राजनीति का ककहरा सीखा। पोस्ट ग्रेजुएट पलटूराम को प्रखर वक्ता के रूप में जाना जाता है। 2017 में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी को 25 हजार वोटों से हराया था।
उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल हैं बेबी रानी मौर्य। 90 के दशक में बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक सफर शुरू किया था। 1995 में आगरा की पहली महिला मेयर चुनी गईं। 2001 में उत्तर प्रदेश सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य बनीं। उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया गया। 2018 को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अब भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
मूलरूप से हाथरस जिले के निवासी धर्मवीर प्रजापति यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं। वर्तमान में यूपी माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वर्ष 2002 में बीजेपी ने प्रजापति को पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में प्रदेश का महामंत्री बनाया था। यूपी विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव में धर्मवीर प्रजापति भाजपा से सदस्य निर्वाचित हुए थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को राजनीति विरासत में मिली है। कांग्रेस पार्टी के चर्चित चेहरे रहे जितिन प्रसाद हाल ही में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर बीजेपी में शामिल हुए हैं। 2004 में जितिन प्रसाद ने पहली बार धौरहरा सीट से चुनाव लड़ा और इसके बाद वो 2008 में मनमोहन सिंह सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बने। 2009 में शाहजहांपुर के सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव जीते।
2017 में सोनभद्र की ओबरा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने संजय गोंड़ अनुसूचित जनजाति से भाजपा के एकमात्र विधायक हैं। अनुसूचित जनजाति मोर्चे के अध्यक्ष हैं। संजय गोंड अनुसूचित जनजाति से आते हैं, अपनी सादगी के लिए चर्चित रहते हैं। सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली समेत कई जिलों में अच्छी तादाद में मौजूद गोंड़ जाति को साधने के लिए भाजपा उन्हें मंत्री बना सकती है।
योगी मंत्रिमंडल का विस्तार आज, संजय निषाद सहित ये नेता बन सकते हैं मंत्री
संजय निषाद
पेशे डॉक्टर रहे संजय निषाद 2016 में गठित निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पूर्वांचल के करीब 16 जिलों में निषाद समुदाय के वोटर हार-जीत में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। अभी उनकी पार्टी बीजेपी के साथ है। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं।
65 साल के छत्रपाल गंगवार बरेली की बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। दो बार विधायक रहे छत्रपाल किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। 1977 में बरेली की रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से बीएड किया। यहीं से परास्नातक किया। इसके बाद बीजेपी से जुड़ गये।
बीजेपी विधायक संगीता बलवंत ओबीसी समुदाय से आती हैं। इनका पूरा नाम संगीता बलवंत बिंद है। छात्र जीवन से ही वह राजनीति में सक्रिय हैं। स्थानीय पीजी कॉलेज, गाजीपुर छात्रसंघ की उपाध्यक्ष भी रही हैं। जमानियां क्षेत्र से निर्दल जिला पंचायत सदस्य भी रही हैं। वर्तमान में गाजीपुर सदर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं।