राज्य वेतन समिति ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू करने का निर्णय लिया था, जो 2017 से शुरू हो सका था। ऐसे में राज्य कर्मचारियों को जनवरी 2016 से दिसंबर 2016 तक के एरियर का भुगतान होना है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों के एरियर का भुगतान दो किस्तों में करने की सोच रही है, ताकि सरकार पर ज्यादा वित्तीय बोझ न पड़े। इसके तहत सरकार राज्य कर्मचारियों को एरियर की पहली किस्त वित्तीय वर्ष 2017-18 में और दूसरी किस्त वित्तीय वर्ष 2018-19 में कर सकती है। आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसी भुगतान संबंधी दिशा-निर्देश को मंजूरी मिल सकती है।
मदरसा शिक्षकों को मिल सकती है सौगात
यूपी कैबिनेट की बैठक में अशासकीय अरबी-फारसी-मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली में संशोधन को भी मंजूरी मिल सकती है। इस संशोधन को मंजूरी मिलने से आधुनिक विषय पढ़ाने के लिए मदरसों में रखे जाने शिक्षकों को फायदा होगा। बता दें कि अभी तक ऐसे शिक्षकों को, जिन्हें आधुनिक विषयों को पढ़ाने के लिए मदरसे में रखा जाता है, भर्ती के लिए कोई नियमावली नहीं है। राज्य सरकार की ओर से अभी इन शिक्षकों को 15 हजार रुपए मासिक मानदेय मिलता है। माना जा रहा है कि अशासकीय अरबी-फारसी-मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली में संशोधन के बाद इन शिक्षकों को फायदा मिलेगा।
यूपी कैबिनेट की बैठक में अशासकीय अरबी-फारसी-मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली में संशोधन को भी मंजूरी मिल सकती है। इस संशोधन को मंजूरी मिलने से आधुनिक विषय पढ़ाने के लिए मदरसों में रखे जाने शिक्षकों को फायदा होगा। बता दें कि अभी तक ऐसे शिक्षकों को, जिन्हें आधुनिक विषयों को पढ़ाने के लिए मदरसे में रखा जाता है, भर्ती के लिए कोई नियमावली नहीं है। राज्य सरकार की ओर से अभी इन शिक्षकों को 15 हजार रुपए मासिक मानदेय मिलता है। माना जा रहा है कि अशासकीय अरबी-फारसी-मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली में संशोधन के बाद इन शिक्षकों को फायदा मिलेगा।
शराब कारोबारियों की खैर नहीं
यूपी कैबिनेट आबकारी अधिनियम 1910 की कई धाराओं में बदलाव को मंजूरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है। सरकार अवैध शराब को बनाने, बेचने व ले जाने वालों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। साथ ही यूपी कैबिनेट की बैठक में शीरे के उठान नियमों में भी बदलाव किया जा सकता है।
यूपी कैबिनेट आबकारी अधिनियम 1910 की कई धाराओं में बदलाव को मंजूरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है। सरकार अवैध शराब को बनाने, बेचने व ले जाने वालों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। साथ ही यूपी कैबिनेट की बैठक में शीरे के उठान नियमों में भी बदलाव किया जा सकता है।