सिद्धार्थनाथ सिंह का बंगला प्रेम- शास्त्री जी की गरिमा को डुबो रहे हैं योगी के मंत्री
लखनऊPublished: Jun 30, 2018 03:31:56 pm
अब राज्य संपत्ति विभाग पेशोपेश में है कि वह मंत्री को बड़ा बंगला कैसे दे।
सिद्धार्थनाथ सिंह का बंगला प्रेम- शास्त्री जी की गरिमा को डुबो रहे हैं योगी के मंत्री
लखनऊ. राजधानी लखनऊ में सरकारी बंगले का मोह बरकरार है। अखिलेश यादव और मायावती के बंगला प्रेम की कहानी अब पीछे छूट गयी है। आलीशान बंगलों के लिए अब योगी आदित्यनाथ के मंत्री लालायित हैं। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि हमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव या मुलायम सिंह का ही बंगला चाहिए। उन्होंने तर्क दिया है कि वे कैबिनेट मंत्री हैं लेकिन उन्हें राज्यमंत्री स्तर का बंगला एलॉट है, जो साइज में छोटा है। यहां स्टॉफ और आगंतुकों के लिए जगह बहुत कम है। बड़ा बंगला हासिल करने के लिए मंत्री ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को पत्र भी लिखा है। अब राज्य संपत्ति विभाग पेशोपेश में है कि वह मंत्री को बड़ा बंगला कैसे दे। बहरहाल, सिद्वार्थ नाथ सिंह के पत्र से नयी बहस छिड़ गयी है। कहा जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती जो भी कर रहे हैं वह उनकी गरिमा के अनुरूप नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का बंगला मोह सुर्खियों में है। वे अपने लिए अखिलेश यादव या मुलायम सिंह यादव द्वारा खाली किए बंगलों में से किसी एक को चाहते हैं। हालांकि इन्हें पहले से ही19 गौतम पल्ली में शानदार बंगला आवंटित है। 31 मई, 2018 को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा है, मुझे आवास संख्या 19 गौतम पल्ली मार्ग पर मंत्री आवास आवंटित है। किन्तु इस आवास में कैंप कार्यालय के स्टॉफ, आगंतुकों और आम जनता के बैठने हेतु पर्याप्त स्थान न होने के कारण काफी असुविधा होती है। इसलिए आवास संख्या 4 विक्रमादित्य मार्ग अथवा 5 विक्रमादित्य मार्ग में से किसी एक को आवंटित कर दिया जाए। हालांकि अखिलेश यादव ने इन आलीशान बंगलों को मुख्य न्यायाधीश को देने की सलाह दी थी। सिद्वार्थनाथ के अलावा राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्रियों की भी नजर इन बंगलों पर है।
सपा ने कसा तंज
सिद्धार्थनाथ सिंह के बंगला मोह पर समाजवादी पार्टी ने तंज कसा है। पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि मंत्री जी देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती हैं। शास्त्री जी ईमानदारी, सादगी और आत्मसम्मान के लिए जाने जाते थे। लेकिन उन्हीं के नाती अब उनका नाम डुबाने में लगे हैं।
बयानों के लिए चर्चित
सिद्धार्थनाथ सिंह मोदी लहर में पहली बार इलाहाबाद से विधायक बने हैं। जब से यह मंत्री बने तब से अपने बयानों के लिए चर्चित रहे हैं। इन्होंने पिछले साल गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद कहा था कि अगस्त के महीने में तो बच्चों की मौत होती ही है।
पहले टीवी और लैपटॉप मांगा था
अप्रैल में सिद्धार्थनाथ के निजी सचिव तिलकराज ने डीजी हेल्थ को खत लिखकर तीन टीवी की मांग की थी। इसके बाद मई में भी एक पत्र सामने आया था। इसमें तिलकराज ने लैपटॉप की मांग की थी। हालांकि, बाद में मंत्री की तरफ से इसका खंडन किया गया था। दो मई को ही उनकी ओर से अपने मंत्री आवास के लिए तीन नग टीवी (48, 42, 32 इंच) लगवाने की अपेक्षा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक से की गई थी। तब भी खूब बवाला मचा था।
क्या कहते हैं अफसर
कैबिनेट मंत्री होने के बाद भी सिद्धार्थ नाथ सिंह पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगलों के हकदार नहीं है। फिर भी यदि मंत्री जी वाकई में यदि अखिलेश यादव वाले बंगले को अपने लिए आवंटित करवाना चाहते थे तो उन्हें सीधे मुख्यमंत्री से अपनी बात कहनी चाहिए। इसके लिए प्रमुख सचिव को पत्र लिखने की कोई जरूरत नहीं।
-राज्य संपत्ति विभाग, उप्र