राज्यपाल ने कहा कि पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त का व्यक्तित्व एवं कृतित्व हम सभी के लिए प्रेरक है। उन्होेंने कहा कि पन्त जी ने स्वाधीनता आन्दोलन को प्रदेश में गति देने का काम किया। काकोरी रेल काण्ड के शहीदों का समर्थन करने वाले वकीलों में वे भी थे। जमींदारी उन्मूलन में पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भाषायी राज्यों के पुनर्गठन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त ने प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में राज्य को यशस्वी नेतृत्व दिया। प्रदेश के विकास में पन्त जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
स्वाधीनता आन्दोलन को एक नई दिशा देने का काम किया।
भारत सरकार के गृह मंत्री के रूप में उन्होंने आन्तरिक सुरक्षा को मजबूत करने का कार्य किया था। भारतीय संविधान में हिन्दी को राज भाषा के रूप में मान्यता दिलाने में पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 महेन्द्र सिंह, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।