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योगी के श्वेत पत्र में पिछली सरकारों का काला चिट्ठा!

locationलखनऊPublished: Sep 18, 2017 06:20:44 pm

Submitted by:

Anil Ankur

विधानमंडल दल की बनेगी कमेटी, जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई

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लखनऊ. सीएम योगी ने सोमवार को ऐलान किया है कि उनकी सरकार बीते पंद्रह सालों के भ्रष्टाचार की जांच कराएगी। जांच विधानमंडल दल की कमेटी द्वारा की जाएगी। उस जांच में जो दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम योगी ने लोकभवन में अपने कार्यकाल के छह महीने पूरे होने की पूर्व संध्या पर श्वेत पत्र जारी किया। उसमें 2003 से लेकर मार्च 2017 तक की सरकारों के दौरान यूपी में क्या हुआ, इसका ब्यौरा दिया गया है।
अपने मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने श्वेत पत्र जारी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मार्च में जब उनकी सरकार बनी तो विरासत में उन्हें भ्रष्टाचार से युक्त माहौल मिला। सरकारें लचर काम करके विकास के पहिए को रोके रहीं। बीती सरकारों ने वही काम कराए जिसमें भ्रष्टाचार ज्यादा हो। औद्योगिक क्षति से लेकर सड़कों की खस्ता स्थिति को उन्होंने अपने श्वेत पत्र में रखा। योगी बोले कि उन्हें जैसा यूपी मिला है, उसे सुधारने में वक्त तो लगेगा ही।
कानून व्यवस्था पर कटाक्ष

मुुख्यमंत्री ने कहा कि 19 मार्च उन्होंने को जब सत्ता संभाली तो प्रदेश की कानून व्यवस्था बदहाल थी। अराजकता चरम पर थी। माफिया और भूमाफियाओं का राज चल रहा था। जून 2016 में मथुरा के जवाहर बाग में हुई घटना ने सब को झंझकोर कर रख दिया था। न्यायालय के आदेश से अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया को जब पकड़ने की बारी आई तो पुलिसबल पर फयरिंग कर दी गई। आगजनी की गई। अराजकता की सीमा पार हो चुकी थी। यूपी में अपराध बढ़ रहे थे और अपराधी मजे से घूम रहे थे। नेतानगरी अपराधियों को प्रश्रय दे रही थी।
हर किसान था परेशान

योगी ने बताया कि बीते 15 सालों में किसानों के लिए सरकारों ने कुछ नहीं किया। हर किसान परेशान था। फसली ऋण वसूली के नाम पर लूट मची हुई थी। ऋण वितरण के टारगेट कागजों में पूरे किए जा रहे थे। पिछली सरकारों में गेहूं की खरीद औसतन 5 से छह लाख टन हर साल हो पाई। गन्ना किसानों की अलग हालत खराब करके रख दी गई थी। सहारनपुर, अमरोहा, बुलंदशहर की गन्ना खरीदने वाली कम्पनी को बंद कर दिया गया था। जिससे उस क्षेत्र का किसान परेशान हो उठा था। 10चल रही मिलों को बंद कर दिया गया। इसमें घोर अनियमितताएं बरती गईं। श्वेत पत्र में उन्होंने कहा है कि बाढ़ बचाव के नाम पर तत्कालीन सरकारों ने अनाब शनाब खाया। सिंचाई विभाग के बंधे और जलाशयों का काम कागजों में हुआ। भ्रष्टाचार यहां भी उबल रहा था। ऐसा ही हाल गोमती रिवर फ्रंट का था।
योगी सरकार को सड़कन नहीं गड्ढे मिले

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीती सरकारों ने सड़क निर्माण में भी कुछ नहीं किया। लोक निर्माण विभाग की 85,160 किलोमीटर सड़कों में गड्ढें थे। राजमार्ग में 189 किलोमीटर, एनएचएआई में 60 किलोमीटर्र पंचायती राज की 3830 किलोमीटर, मंडी की 10हजार किलोमीटर , सिंचाई विभाग की 9600 किलोमीटर यूं कहिए कि एक लाख 21 हजार किलोमीटर सड़कों पर गड्ढे थे। इनको ठीक कराने का काम भाजपा सरकार ने शुरू कर दिया है।
भर्तियों में घोटाला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि बीती सरकार ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा संचालित भर्तियों में जमकर अराजकता बरती। समूह ग की भर्ती बिना पैसे के नहीं हुई। इसकी जांच विजीलेंस को सौंप दी गई है। लोक सेवा आयोग द्वारा 2012 से लेकर 17 तक की गई भर्तियों ने अनियमितता और भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे। पुलिस भर्ती और खाद्य एवं रसद विभाग में की गई भर्तियों का भी यही हाल था। चिकित्सा, स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास, आवास विकास परिषद, जल निगम, बेसिक शिक्षा माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा में भर्तियों के घोटाले खुलने शुरू हो गए हैं।
इन सबकी जांच विधानमंडल दल की कमेटियों द्वारा की जाएगी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सपा सरकार में बिजली महंगी कर दी गई लेकिन उपलब्धता शून्य रही। बिजली की परियोजनाएं कागजों में बनी, उन्हें हकीकत में नहीं बनाया गया। स्मारकों के नाम पर घोटाले किए गए। यूं कहिए कि पूरा प्रदेश बीते 15 सालों से भ्रष्टाचार में लिप्त था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये तो बीती सरकारों का श्वेत पत्र है। अब कल हमारी सरकार के छह महीने पूरे हो जाएंगे तो हम आपको बताएंगे कि हमने क्या किया और आगे क्या करने जा रहे हैं।
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