प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में मजदूर तंग हालात में है। कोई रोजगार नहीं है। न ही तो कोई कारगर योजना जमीन पर काम कर रही है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि मजदूर आत्महत्या को मजबूर हैं लेकिन मजदूर विरोधी सरकार उनकी बात तक सुनने को तैयार नहीं है। मजदूर आस लगाए बैठे हैं कि सरकार स्किल मैपिंग करके उनको योग्यता के हिसाब से रोजगार देगी लेकिन अब तो उनके घरों में खाने के लाले पड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि बुनकरी-दस्तकारों का बुरा हाल है। व्यापार बंद है। कांच उद्योग, पीतल उद्योग, फर्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी, अन्य घरेलू और लघु उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। सरकार लगातार इनकी अनदेखी कर रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल प्रवासी मजदूरों के लिए आर्थिक पैकेज देने की घोषणा करने को कहा है।