उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश में आंतक का पर्याय बन चुके मुख्तार अंसारी को हाईकोर्ट ने पहली बार 21 सितंबर 2022 को सजा सुनाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 2003 में जिला जेल, लखनऊ के जेलर को धमकाने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था। न्यायालय ने उसे सात साल की सजा और 37 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया था।
उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विधायक बनने से लेकर सांसद बनने तक का सफर पूरा करने वाले अतीक अहमद को पहली बार किसी मामले में सजा सुनाया गया। अतीक पर करीब 100 से ज्यादा मुकदमें दर्ज होने के बावजूद अब तक उसे किसी मामले में सजा नहीं हो पाई थी। लेकिन अब उसे उमेश पाल अपहरण केस में आजीवन जेल की सजा सुनाई गई है।
माफियाओं की लिस्ट में तीसरा नाम पूर्व विधायक बाहुबली विजय मिश्रा का है। इ़न पर भी कई आपराधिक मुकदमें दर्ज होने के बावजूद आजतक किसी मामले में सजा नहीं हो पाया है। लेकिन अपने साढ़ू की जमीन पर कब्जा करने के जुर्म में ये जेल में बंद है। योगी सरकार ने इनकी करोडों की संपत्ति या तो जब्त कर लिया है या उस पर बुल्डोजर चला दिया है।
इसके अलावा और भी नाम है इस लिस्ट में
ये तो कुछ बड़े और माननीय माफिया थे इनके अलाव और भी है, जिन पर सरकार ने कानूनी शिंकजा कसा है। इनमें प्रमुख तौर पर ध्रुव सिंह उर्फ कुन्टू सिंह, योगेश भदौड़ा, अमित कसाना, एजाज, अजीत उर्फ हप्पू, आकाश जाट, अनिल दुजाना, मुलायम यादव, राजू मुहम्मद उर्फ चाैधरी, सलीम, सोहराब व रुस्मत अभी जेल में है। इनमें से अधिकतर पर अभी केस चेल रहा है और जल्द ही इन्हें भी सजा होना है।
24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजूपाल की हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड का आरोप अतीक अहमद के गैंग पर लगा। उसी समय प्रदेश में विधानसभा सत्र चल रहा था। अगले ही दिन 25 फरवरी को विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “प्रदेश में माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे। इसके बाद से ही पुलिस अतीक के गैंग को खत्म करने में लगी है।