इस दौरान अटल जी ने कहा अगर मैं सिर्फ कुर्ता पहनू तो कैसा लगेगा। लोगों ने कहा अच्छा नहीं लगेगा. फिर अटलजी ने कहा सांसद बनाकर आप लोगों ने मुझे कुर्ता तो पहना दिया अब पायजामा नगर निगम का है. इसे मेयर बनाकर पायजामा भी पहना दो। उस पल को याद करते हुए डॉ दिनेश शर्मा कहते हैं, उसके बाद जहां भी प्रचार के लिए गया लोगों ने कहा अटलजी को कुर्ता तो दे दिया है, अब पायजामा अभी देंगे। जाओ निश्चिंत रहो। डॉ दिनेश शर्मा ने कहा जहां चुनाव में पैसे चल रहे थे वहीं, मैं अटलजी के एक वाक्य से जीत गया।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ह्दय नारायण दीक्षित का भी अटल बिहारी वाजपेयी से गहरा नाता रहा है। उन्होंने अटल जी के संसदीय भाषणों का संकलन सम्पादन किया था। यही नहीं आपातकाल के दौरान वह अटल बिहारी वाजपयी के साथ गिरफ्तार भी किए गए थे, और उस दौरान उन्होंने करीब 19 माह का समय जेल में बिताया था। हृदय नारायण दीक्षित ने एक कार्यक्रम में कहा था कि प्रखर राष्ट्रवादी नेता, श्रेष्ठ वक्ता और सर्वश्रेष्ठ सांसद रह चुके अटल बिहारी बाजपेयी का राजनीतिक जीवन अपने समकालीन राजनेताओं के लिए ही नहीं केवल वर्तमान और भविष्य के नेताओं के लिए भी आदर्श एवं अनुकरणीय है। यही कारण है कि विचारधारा में घोर विरोध होने के बावजूद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू भी अटल जी की सराहना करने से स्वयं को रोक न सके। हर किसी ने उनका दिल से सम्मान किया।