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73 साल का हुआ उत्तर प्रदेश, देश के विकास में निभाई अहम भूमिका, दिये सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री

locationलखनऊPublished: Jan 24, 2022 05:02:56 pm

Submitted by:

Amit Tiwari

उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। आजादी के पहले इसका का नाम युनाइटेड प्रोविंस (संयुक्‍त प्रांत) था। आजादी के बाद 24 जनवरी, 1950 को इसका नामकरण उत्तर प्रदेश के रूप में किया गया। इस तारीख को ही प्रदेश में स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरूआत साल 2017 में पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने की थी।

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भगवान कृष्ण, राम और बौद्ध की धरती उत्तर प्रदेश सोमवार को पूरे 73 साल की हो गई है। देश की सबसे बड़ी आबादी के साथ ही उत्तर प्रदेश अपने अंदर कई खूबियां भी समेटे हुए है। देश को सबसे अधिक सांसद देने वाले उत्तर प्रदेश हर साल 24 जनवरी को अपना 73वां स्थापना दिवस मनाता है। इसकी शुरूआत यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने साल 2018 में की थी। उत्तर प्रदेश को 1950 में राज्य के रूप में नाम मिला था। देश के सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला उत्तर प्रदेश में कई धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों की भरमार है। उत्तर प्रदेश के 73वें स्थापना दिवस पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कई प्रमुख नेताओं ने बधाई संदेश भी दिये। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक वीडियो संदेश जारी कर सूबे की जनता को स्थापना दिवस की बधाई दी।
यूपी ने कई उतार-चढ़ाव देखे- सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि यूपी आज पहले से कई गुना सुरक्षित है। पांच वर्ष में भाजपा ने यूपी में कई सारी चीजों में परिवर्तन करने का प्रयास किया है। 73 वर्ष के इस लंबे सफर में यूपी में कई उतार चढ़ाव देखे गए हैं।
युवाओं के जोश से भरा हुआ है प्रदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यूपी ने काफी तरक्की की है। यूपी देश की आस्था है, लोगों का दिल है। युवा के जोश से भरा हुआ यह प्रदेश है। उन्होंने कहा कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। यह सब उत्तर प्रदेश की जनता के कारण ही हुआ है। मैं सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं।
1950 में मिला था उत्तर प्रदेश नाम

उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। 1950 में उत्तर प्रदेश का नाम बदला गया था। पहले इस राज्य को संयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था। 1834 तक यूपी बंगाल प्रेसीडेंसी के अधीन था। पहले तीन प्रेसीडेंसी बंगाल, बॉम्बे और मद्रास थे। इसके बाद एक चौथे प्रेसीडेंसी के गठन की जरूरत महसूस की गई, जिसके बाद चौथी प्रेसीडेंसी का गठन हुआ। जिसे आगरा प्रेसीडेंसी के रूप में जाना जाता है। 1858 में, लॉर्ड कैनिंग इलाहाबाद यानी की प्रयागराज चले गए। जिसके बाद पश्चिमी प्रांत का गठन हुआ।
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2017 में हुई थी यूपी दिवस मनाने की घोषणा

1920 में विधानपरिषद के पहले चुनाव के बाद, लखनऊ में परिषद का गठन किया गया था। 1935 तक पूरा कार्यलय लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया था। लखनऊ प्रांत प्रदेश की राजधानी बन गया। वर्ष 2017 में यूपी राज्य सरकार ने यूपी दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस विचार के बाद 2018 में भारतीय स्वतंत्रता के 68 वर्ष में पहली बार लखनऊ में यूपी स्थापना दिवस मनाया गया था।
यूपी के प्रमुख धार्मिक स्थल

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार काशी (अब वाराणसी) सबसे पुरानी नगरी है। इसे शिव की नगरी के रूप में भी जाना जाता है। काशी को मोक्ष की नगरी भी कहा गया है। काशी के अलावा अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, प्रयागराज, कुशीनगर, सारनाथ, नैमिषारण्य, चित्रकूट आदि धार्मिक शहर शामिल हैं।
यूपी के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल

ताजनगरी आगरा में लाल किला, झांसी में रानी लक्ष्मीबाई का किला व रानी महल, लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा व छोटा इमामबाड़ा, फतेहपुर सीकरी, सारनाथ के पर्यटन स्थल, प्रयागराज का आनंद भवन आदि शामिल हैं।
यूपी ने देश को दिये सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री

उत्तर प्रदेश ने देश को सर्वाधिक प्रधानमंत्री दिए हैं। कहा जाता है कि दिल्ली के सत्ता की राह उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरती है। उत्तर प्रदेश ने देश को प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी दिया है। देश के कुल 14 प्रधानमंत्रियों में से 9 प्रधानमंत्री केवल उत्तर प्रदेश से हुए हैं।
राजनीतिक क्षेत्र में यूपी का योगदान

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें 80 और सर्वाधिक राज्यसभा सीटें 31 हैं। जो देश की राजनीति की दिशा और दशा तय करते हैं। उत्तर प्रदेश की विधानसभा सदस्यों के लिहाज से देश की सबसे बड़ी विधानसभा है। उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में पूरे 100 सदस्य हैं। जबकि विधानसभा में सदस्यों की संख्या 403 है।
यूपी में बोली जाती है 40 बोलियां

उत्तर प्रदेश ही तमाम बोलियों की शुरुआत की जमीन है। ब्रज और अवधी के साथ ही 40 अन्य बोलियां उत्तर प्रदेश में बोली जाती हैं। उत्तर प्रदेश से ही निकला कथक नृत्य समूची दुनिया मे्ं अपनी पहचान रखता है। इसके साथ ही यूपी की ऊर्दू, हिंदी और इंग्लिश प्रमुख भाषा है।
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