शनिवार को कैराना पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह घर-घर जाकर पर्चे बांटे और बीजेपी के लिए वोट मांगा। इस दौरान अमित शाह ने उन हिन्दू परिवारों से भी मुलाकात की जो दंगों के बाद कैराना से पलायन कर गये थे। लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद वापस लौट आये हैं। सीएम योगी ने पिछली सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कैराना के जरिये यहां कश्मीर बनाने का सपना देख रहे थे।
पिछले साल भी उठाया था कैराना का मुद्दा वहीं पिछले साल नवंबर में भी योगी आदित्यनाथ कैराना पहुंचे थे। उस समय उन्होंने कहा था कि कैराना पलायन और मुजफ्फरनगर दंगा भाजपा के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है। ये हमारे लिए अस्मिता का मुद्दा है। आन-बान और शान का मुद्दा है।
80 बनाम 20 की लड़ाई इसके पहले भी सीएम योगी यूपी चुनाव को 80 बनाम 20 की लड़ायी बता चुके हैं। इस बयान से भी उन्होंने ध्रुवीकरण की कोशिश की थी। खैर, पश्चिमी यूपी में किसानों की नाराजग़ी और जाट-मुस्लिम की काट खोज रही बीजेपी के लिए कैराना ही अब बड़ा हथियार है।
पश्चिमी यूपी का चुनावी अंक गणित पश्चिमी यूपी में जाटों की आबादी करीब 18 से 20 फीसदी के बीच है। वहीं मुस्लिमों की आबादी 30 से 32 फीसदी के करीब है। वहीं यहां की तकरीबन 24 सीटें ऐसी हैं जहां जाट और मुस्लिम की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है। चूंकि किसान आंदोलन के चलते जाट वोट बीजेपी से नाराज हैं। यही वजह है कि बीजेपी बाकी जातियों जैसे गुर्जर, सैनी, कहार, कश्यप और वाल्मिकी बिरादरी पर अपना फोकस कर रही है। इनकी कुल आबादी करीब 30 फीसदी है।