scriptUP Election 2022: यूपी चुनावों में फिर ध्रुवीकरण की कोशिश, पहले चरण के चुनाव में हज हाउस, मानसरोवर, पलायन बने मुद्दे | UP Election 2022 polarization in up Kairana Haj House Amit shah yogi | Patrika News

UP Election 2022: यूपी चुनावों में फिर ध्रुवीकरण की कोशिश, पहले चरण के चुनाव में हज हाउस, मानसरोवर, पलायन बने मुद्दे

locationलखनऊPublished: Jan 26, 2022 07:09:57 am

Submitted by:

Vivek Srivastava

पहले चरण के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिशें भी तेज होती जा रही हैं। भाजपा में मची भगदड़ के बाद आलाकमान सकते में आ गया। यही वजह है कि बीजेपी पश्चिमी यूपी की फतह के लिए पलायन की बात कर कैराना मुद्दे को फिर से जिन्दा करना चाह रही है।

UP Election 2022: यूपी चुनावों में फिर ध्रुवीकरण की कोशिश

UP Election 2022: यूपी चुनावों में फिर ध्रुवीकरण की कोशिश

UP Election 2022: यूपी चुनावों में एक बार फिर ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू हो गयी है। पहले चरण के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिशें भी तेज होती जा रही हैं। रविवार को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में कहा, पहले की सरकारें गाजियाबाद में हज हाउस का निर्माण करायीं थीं, हमारी सरकार ने यहां कैलाश मानसरोवर भवन बनवाया है। योगी का निशाना पूर्ववर्ती सपा सरकार की ओर था। दरअसल, किसान आंदोलन के चलते बीजेपी पश्चिमी यूपी में बैकफुट पर थी। वहीं भाजपा में मची भगदड़ के बाद आलाकमान सकते में आ गया। यही वजह है कि बीजेपी पश्चिमी यूपी की फतह के लिए पलायन की बात कर कैराना मुद्दे को फिर से जिन्दा करना चाह रही है।
शनिवार को कैराना पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह घर-घर जाकर पर्चे बांटे और बीजेपी के लिए वोट मांगा। इस दौरान अमित शाह ने उन हिन्दू परिवारों से भी मुलाकात की जो दंगों के बाद कैराना से पलायन कर गये थे। लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद वापस लौट आये हैं। सीएम योगी ने पिछली सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कैराना के जरिये यहां कश्मीर बनाने का सपना देख रहे थे।
यह भी पढ़ें

प्रयागराज के इस विधानसभा सीट पर आज तक नहीं खिला कमल का फूल

पिछले साल भी उठाया था कैराना का मुद्दा

वहीं पिछले साल नवंबर में भी योगी आदित्यनाथ कैराना पहुंचे थे। उस समय उन्होंने कहा था कि कैराना पलायन और मुजफ्फरनगर दंगा भाजपा के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है। ये हमारे लिए अस्मिता का मुद्दा है। आन-बान और शान का मुद्दा है।
80 बनाम 20 की लड़ाई

इसके पहले भी सीएम योगी यूपी चुनाव को 80 बनाम 20 की लड़ायी बता चुके हैं। इस बयान से भी उन्होंने ध्रुवीकरण की कोशिश की थी। खैर, पश्चिमी यूपी में किसानों की नाराजग़ी और जाट-मुस्लिम की काट खोज रही बीजेपी के लिए कैराना ही अब बड़ा हथियार है।
पश्चिमी यूपी का चुनावी अंक गणित

पश्चिमी यूपी में जाटों की आबादी करीब 18 से 20 फीसदी के बीच है। वहीं मुस्लिमों की आबादी 30 से 32 फीसदी के करीब है। वहीं यहां की तकरीबन 24 सीटें ऐसी हैं जहां जाट और मुस्लिम की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है। चूंकि किसान आंदोलन के चलते जाट वोट बीजेपी से नाराज हैं। यही वजह है कि बीजेपी बाकी जातियों जैसे गुर्जर, सैनी, कहार, कश्यप और वाल्मिकी बिरादरी पर अपना फोकस कर रही है। इनकी कुल आबादी करीब 30 फीसदी है।
यह भी पढ़ें

भाजपा का नया दांव, प्लेकार्ड प्रचार

2017 के आँकड़े

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो