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Uttar Pradesh Assembly election 2022: योगी बने रहेंगे सीएम, शर्मा और जितिन बनेंगे मंत्री, 2017 के समीकरण दोहराएगी भाजपा

locationलखनऊPublished: Jun 11, 2021 07:48:43 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

UP Assembly election 2022 updates: पिछड़ों, दलितों का बढ़ेगा प्रतिनिधित्व, निकायों और निगमों में जल्द होंगी नियुक्तियां

Jitin Yogi AK Sharma

Jitin Yogi AK Sharma

लखनऊ. UP Assembly Election 2022 Updates- योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) उप्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। भाजपा (BJP) से नाराज चल रहे सहयोगी दलों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को जल्द ही निकायों और निगमों में अध्यक्ष और सदस्य नामित कर उन्हें खुश किया जाएगा। पूर्व नौकरशाह और अरविंद शर्मा (AK Sharma) और हाल ही कांग्रेस (Congress) से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। सत्ता और संगठन में पिछड़ों और दलितों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाएगा। और इनसे भी बात न बनी तो पूर्वांचल में सक्रिय क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व तोडऩे के लिए अंतत: अलग पूर्वांचल राज्य के गठन का प्रस्ताव लाया जा सकता है। लेकिन इसे अंतिम अस्त्र के रूप में प्रयोग में लाया जाएगा। नयी दिल्ली में दो दिनों से उप्र को लेकर चल रही उठापटक के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने यह अहम फैसला लिया है। खास बात यह है कि यह सारे फैसले राष्ट्रीय स्वयं संघ की सहमति से लिए गए हैं। संघ के आशीर्वाद से ही योगी की कुर्सी भी बच गयी है।
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सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने उप्र के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सौंपी थी। रिपोर्ट में इस बात का खास जिक्र था कि भाजपा 2017 के जिस समीकरण के बल पर 15 साल बाद सत्ता में लौटी थी। वह सब कुछ पिछले चार साल में बिखर गया। संघ का कहना था कि यूपी के सियासी दुर्ग को बचाना है तो पुराने फार्मूले पर ही लौटना होगा। माना जा रहा है कि भाजपा ने संघ के सुझावों पर अमल करते हुए काम करना शुरू कर दिया है।
अनुप्रिया, निषाद को तवज्जो
संघ की रिपोर्ट के बाद ही अब एक बार फिर अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। जबकि, अनुप्रिया के पति डॉ. आशीष पटेल को राज्य मंत्रिमंडल में समायोजित किया जा सकता है।
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ओबीसी को जोड़ेगें-
2017 में पूर्वांचल में सक्रिय ओमप्रकाश राजभर और अनुप्रिया पटेल से पार्टी ने गठबंधन किया था। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ को सख्त हिदायत दी गयी है कि वह एक बार फिर से छोटे दलों से सामंजस्य स्थापित करें और पार्टी के दलितों और पिछड़े नेताओं को विभिन्न निगमों और निकायों में समायोजित करें।
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किससे-किससे हुई मुलाकात-
गुरुवार को योगी आदित्यनाथ की मुलाकात केंद्रीय गृहमंत्री से हुई, तो आज शुक्रवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंड से मुलाकत की। हर मुलाकात के बाद सीएम योगी ने अपने आधिकारि ट्विटर अकाउंट से तस्वीर भी साझा की व सभी का समय निकालने व मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। दिल्ली में चली मैराथन मुलाकातों के जरिए सीएम ने यूपी के लिए आगामी रूपरेखा पर विचार विमर्श किया। हालांकि इस पर आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वो मजबूती के साथ लखनऊ वापस लौटकर आगे बढ़ सकते हैं। उनके आने के बाद कैबिनाेट विस्तार हो सकता है। रूठे नेताओं का मनाया व सहयोगी दलों को साथ लाने के प्रयास तेज किए जा सकते हैं।

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