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पार्टी कोर कमेटी की बैठक में बीएल संतोष ने सीएम योगी की जमकर तारीफ की। साथ ही सरकार व उसकी विकास की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने को भी कहा। उन्होंने मंत्रियों से कहा सब कुछ सरकार करेगी तो कैसे होगा। सरकार के पूरे कामकाज का ब्यौरा तैयार करें और उसे जनता के बीच ले जाए। बीएल संतोष ने लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने इतना काम किया कि चुनाव में उतरते वक्त कोई दिक्कत नहीं हुई। ऐसे ही यूपी में हुआ है। यहां कानून व्यवस्था दुरुस्त है। भ्रष्टाचार कम किया गया है, विकास हुआ है। सब कुछ है, केवल मंत्रियों को इसे सही तरीके से लोगों के बीच ले जाना है।
पार्टी कोर कमेटी की बैठक में बीएल संतोष ने सीएम योगी की जमकर तारीफ की। साथ ही सरकार व उसकी विकास की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने को भी कहा। उन्होंने मंत्रियों से कहा सब कुछ सरकार करेगी तो कैसे होगा। सरकार के पूरे कामकाज का ब्यौरा तैयार करें और उसे जनता के बीच ले जाए। बीएल संतोष ने लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने इतना काम किया कि चुनाव में उतरते वक्त कोई दिक्कत नहीं हुई। ऐसे ही यूपी में हुआ है। यहां कानून व्यवस्था दुरुस्त है। भ्रष्टाचार कम किया गया है, विकास हुआ है। सब कुछ है, केवल मंत्रियों को इसे सही तरीके से लोगों के बीच ले जाना है।
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सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव मौर्या में बीते चार वर्षों से खटास है। हाल में केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी चुनाव में भाजपा चेहरा के सवाल पर कहा कि इसका फैसला दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व करेगा। बल्कि भाजपा के अधिकतर वरिष्ठ नेता सीधे तौर पर सीएम योगी का नाम ले चुके हैं। इससे दोनों में मनमुटाव साफ देखा गया, जिसे भांपते हुए भाजपा-संघ की ‘समन्वय खीर’ के जरिए न केवल सीएम व डिप्टी सीएम बल्कि दोनों के जातियों में मिठास घोलने की कवायद की गई। मंगलवार को केशव मौर्या के घर सीएम योगी के भोजन करने को इसी मनमुटाव को दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा गया। साथ ही चुनाव से पहले यह संदेश दिया गया कि पार्टी के भीतर को खींचतान नहीं है।
सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव मौर्या में बीते चार वर्षों से खटास है। हाल में केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी चुनाव में भाजपा चेहरा के सवाल पर कहा कि इसका फैसला दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व करेगा। बल्कि भाजपा के अधिकतर वरिष्ठ नेता सीधे तौर पर सीएम योगी का नाम ले चुके हैं। इससे दोनों में मनमुटाव साफ देखा गया, जिसे भांपते हुए भाजपा-संघ की ‘समन्वय खीर’ के जरिए न केवल सीएम व डिप्टी सीएम बल्कि दोनों के जातियों में मिठास घोलने की कवायद की गई। मंगलवार को केशव मौर्या के घर सीएम योगी के भोजन करने को इसी मनमुटाव को दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा गया। साथ ही चुनाव से पहले यह संदेश दिया गया कि पार्टी के भीतर को खींचतान नहीं है।
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सूबे में सीएम योगी भले ही हिंदुत्व का चेहरा हैं, लेकिन केशव मौर्या बीजेपी में ओबीसी के नेता माने जाते हैं। प्रदेश में करीब 7 फीसद मौर्य समाज का वोट है, जिसमें शाक्य, सैनी और कुशवाहा जैसी जातियां भी शामिल हैं, जिसे भाजपा किसी भी स्थिति में खोना नहीं चाहती। ऐसे में आरएसएस व बीजेपी नेतृत्व दोनों के बीच तकरार खत्म कर कार्यकर्ताओं के साथ अपने वोट बैंक को एकजुटता का संदेश देने की कोशिश में भी लगे हैं।
सूबे में सीएम योगी भले ही हिंदुत्व का चेहरा हैं, लेकिन केशव मौर्या बीजेपी में ओबीसी के नेता माने जाते हैं। प्रदेश में करीब 7 फीसद मौर्य समाज का वोट है, जिसमें शाक्य, सैनी और कुशवाहा जैसी जातियां भी शामिल हैं, जिसे भाजपा किसी भी स्थिति में खोना नहीं चाहती। ऐसे में आरएसएस व बीजेपी नेतृत्व दोनों के बीच तकरार खत्म कर कार्यकर्ताओं के साथ अपने वोट बैंक को एकजुटता का संदेश देने की कोशिश में भी लगे हैं।