पश्चिमी यूपी से लेकर पूरब तक इन सीटों पर कांटे की टक्कर, फंस सकती है बीजेपी
एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद जहां एक ओर बीजेपी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है तो वहीं विपक्ष इन आंकड़ों पर सवाल खड़े कर रहा है। इस बार यूपी के कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर दिख रही है।
आखिरी लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के रिजल्ट ने सबको चौंका दिया है। कई एग्जिट पोल में NDA की बंपर जीत की भविष्यवाणी की गई है। दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है। ऐसे में ये सीट सारी पार्टीयों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है। एग्जिट पोल के अनुसार उतर प्रदेश में बीजेपी को 60-70 सीटें मिल सकती है। वहीं कांग्रेस को 20 से 30 सीट मिलने का अनुमान है। यूपी में पश्चिम से लेकर पूरब तक में कुछ ऐसी सीटे हैं जहां बीजेपी कड़े मुकाबले में फंसी नजर आ रही है। इसमें पश्चिम यूपी ते मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और पूरब के मिर्जापुर और आजमगढ़ जैसे सीट शामिल हैं।
मुजफ्फरनगर में भाजपा के डॉ. संजीव बालियान को सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक कड़ी टक्कर दे रहे है। यह सीट फंसी हुई नजर आ रही है। यहां बीजेपी को ठाकुरों की नााराजगी का सामना करना पड़ सकता है। बिजेपी के संजीव बालियान 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। वहीं हरेंद्र मलिक के पास भी राजनीति का लंबा अनुभव है।
सहारनपुर (Saharanpur)
सहारनपुर में भाजपा के राघव लखनपाल, आईएनडीआईए गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के बीच सीधा मुकाबला है। लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस नेता इमरान मसूद अपने बोटी-बोटी वाले बयान से सुर्खियों में आए थे। इस बयान की वजह से उन पर मुकदमा दर्ज हुआ और उन्हें जेल में रहना पड़ा था। वहीं बीजेपी के राघव 2014 में भाजपा के टिकट से सांसद बने थे, लेकिन 2019 में उन्हें बसपा के हाजी फजलुर्रहमान ने शिकस्त दी थी।
मिर्जापुर (Mirzapur)
लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले यूपी की जिन लोकसभा सीटों पर सबकी नजर है, उनमें से मिर्जापुर एक है। मिर्जापुर लोकसभा सीट से भाजपा और अपना दल (सोनेलाल) के गठबंधन से सांसद अनुप्रिया पटेल हैं और इस बार समाजवादी पार्टी ने इस सीट से डॉ. रमेश बिंद को चुनावी मैदान में उतारा है। दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।
आजमगढ़ (Ajamgarh)
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा ने धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है वहीं भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को ही फिर से मौका दिया है। दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यह मानते हैं कि आजमगढ़ सीट पर उनका किसी से मुकाबला नहीं है। लेकिन भाजपा इस सपा के इस ख्याल को ख्यालों में ही रखना चाहती है।
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