पलियांकलां खीरी में शारदा, बर्डघाट गोरखपुर में राप्ती, श्रावस्ती में राप्ती तथा तुर्तीपार बलिया में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां दजर्नों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ की जद में आने वाले सबसे अधिक जिले पूर्वांचल के गोरखपुर, बस्ती व आजमगढ़ मंडल के हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में हजारों एकड़ फसल डूब गयी है आैर गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से वहां रहने वालों की मुसीबतें बढ़ गयी हैं। इसके चलते पशुओं के चारे की भी समस्या उत्पन्न हो गयी है। मुख्यमंत्री के आदेश से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का कार्य तेज कर दिया गया है।
बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्र योगी आदित्यनाथ ने सरकारी तंत्र को अलर्ट कर दिया है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को खुद जरूरत के हिसाब से राहत आैर बचाव कार्य करवाने आैर बाढ़ प्रबंधन की व्यवस्था संभालने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रबंधन व्यवस्था में लापरवाही न करने के लिये भी चेताया है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी तैनात
बाढ़ को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। यूपी के शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत आैर बचाव के लिये 647 बाढ़ राहत चौकियां स्थापित की गयी हैं। मदद के लिये 654 नावें लगायी गयी हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ पीएसी भी तैनात की गयी है। बाढ़ प्रभावितों को राशन किट और खाने के पैकेट बांटे जा रहे हैं, जिसमें आटा, दाल, चावल व रिफाइंड सहित 17 जरूरत की चीजें शामिल हैं। इसके अलावा रोज भोजन के पैकेट बांटे जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 4925 फूड पैकेट बांटे गये हैं। अब तक कुल 7600 से अधिक पैकेट वितरित किये जा चुके हैं। सुरेश खन्ना ने कहा है कि सरकार की पूरी कोशिश है कि आम जनता पर बाढ़ का प्रभाव कम से कम पड़े और उन्हें ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचायी जा सके।