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सीएम योगी का बड़ा फैसला- 100 साल पुराने नियम होंगे खत्म, आवश्यक वस्तुओं से जुड़े 4 कानून होंगे एक

locationलखनऊPublished: Nov 27, 2020 11:03:53 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

यूपी सरकार जल्द ही जनता को कई साल पुराने नियमों के जंजाल से मुक्त करेगी। यूपी सरकार 100 साल पुराने कानूनों को खत्म करने पर विचार कर रही है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी।

सीएम योगी का बड़ा फैसला- 100 साल पुराने नियम होंगे खत्म, आवश्यक वस्तुओं से जुड़े 4 कानून होंगे एक

सीएम योगी का बड़ा फैसला- 100 साल पुराने नियम होंगे खत्म, आवश्यक वस्तुओं से जुड़े 4 कानून होंगे एक

लखनऊ. यूपी सरकार जल्द ही जनता को कई साल पुराने नियमों के जंजाल से मुक्त करेगी। यूपी सरकार 100 साल पुराने कानूनों को खत्म करने पर विचार कर रही है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी। इसके लिए संबंधित औद्दोगिक विकास विभाग अपने यहां इस तरह के मामलों की समीक्षा कर जानकारी देंगे कि किस कानून को रखा जाए और किसे नहीं। इसके अलावा आवश्कत वस्तुओं से जुड़े चार कानून एक होंगे। यह सारी कवायद केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर यूपी सरकार कर रही है।
इम कानूनों पर विचार

इंडियन फारेस्ट यूपी रूल 1964, यूपी कलेक्शन एंड डिस्पोजल आफ डि्रफ्ट एंड स्टैंडर्ड वुड एण्ड टिंबर रूल्स, यूपी कंट्रोल आफ सप्लाई डिस्ट्रब्यूशन एंड मूवमेंट आफ फ्रूट प्लांटस आर्डर-1975, यूपी फारेस्ट टिंबर एंड ट्रांजिट आन यमुना, टन व पबर नदी रूल्स 1963, यूपी प्रोडयूस कंट्रोल ,यूपी प्रोविंसेस प्राइवेट फारेस्ट एक्ट कानूनोंको खतम करने या न करने पर विचार हो रहा है।
ये चार कानून होंगे एक

यूपी शिड्यूल कॉमोडिटीज से जुड़े चार आदेश हैं। इन सभी का विलय किया जा सकता है। इसी तरह खाद्द एवं रसद विभाग में कई इस तरह के एक्ट व नियमवाली है, जिन्हें एक में किया जा सकता है। यूपी कैरोसीन कंट्रोल आर्डर 1962, यूपी सेल्स आफ मोटर स्पि्ट, डीजल आयल, एंड अल्कोहल टैक्सेशन एक्ट के तहत होने वाला काम कुछ विभाग दूसरे विभाग के जिम्मे है। इन्हें भी एक किया जा सकता है।
1200 कानून खत्म कर चुकी है मोदी सरकार

इससे पहले मोदी सरकार बेकार हो चुके एक हजार से अधिक नियमों को हटा दिया था। मोदी सरकार अब तक 1200 कानून खत्म कर चुकी है। गुरुवार को संविधान दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कानून स्थिर होना चाहिए मूक नहीं। हमारे कानून की भाषा भी इतनी आसान होनी चाहिए कि हर व्यक्ति उसे समझ सके। उन्होंने कहा कि समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं, उनको हटाने की प्रक्रिया भी आसान होनी चाहिए। बीते सालों में ऐसे सैकड़ों कानून हटाए जा चुके हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार बनाने से पहले चुनाव प्रचार के दौरान अप्रसांगिक और पुराने व बेकार हो चुके कानून को खत्म करने या उनमें जरूरत के मुताबिक संशोधन करने की बात कही थी। दरअसल, भारत में कानून की किताब में 300 से अधिक कानून है जो कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे हैं। श्रम, निजी कंपनियों, बैक, टैक्स आदि से जुड़े कुछ कानून हैं जिनका उपयोग अक्सर लोगों के लिए परेशानी होता है। जैसे सदियों पुराने एक कानून के मुताबिक गंगा में चलने वाले बोट का टोल टैक्स दो अना से ज्यादा नहीं हो सकता। जबकि अना अब चलन से बाहर हो गया है। इसी तरह एक दूसरे कानून के मुताबिक कुछ राज्यों में पुलिसकर्मियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि हवा में गिराए गए पैम्फलेट नके इलाके में न गिरें। इस कानून का मकसद दूसरे विश्व युद्ध के दौरान प्रोपगेंडा कैंपेन को रोकना था।

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