यूपी सरकार ने यूपी सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा, 2016 में नियमों की अनदेखी के बाद भर्ती निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसी बीच कोरोना काल में प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 2,487 सब-इंस्पेक्टर नियुक्त करने की सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार ने आग्रह किया।
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस विनीत शरण की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की मांग पर बुधवार को कहा कि हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते। पीठ ने कहा कि जुलाई के तीसरे हफ्ते में मुख्य मामले के साथ इस आवेदन पर विचार किया जाएगा। राज्य सरकार का कहना था कि राज्य में पुलिसकर्मियों की भारी कमी है और कोरोना संकट के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए और पुलिसकर्मियों की जरूरत है। लेकिन प्रतिवादी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और कृष्ण एम सिंह ने सरकार के इस आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में नियुक्ति की इजाजत देने का कोई मतलब नहीं है।
आवेदन में यूपी सरकार ने कहा था कि 2487 सब-इंसपेक्टरों की ट्रेनिंग जून में पूरी होने वाली है। इन सभी को अस्थायी तौर पर नियुक्ति की इजाजत दी जाए। सरकार ने कहा था कि 6 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस दिया था और मामले के जल्द निपटारे के लिए 14 अप्रैल को सुनवाई निर्धारित की थी। पर देशभर में लॉकडाउन होने की वजह से सुनवाई नहीं हो पाई है।