कोरोना के चलते हो रही थी देर
उत्तर प्रदेश सरकार का यूपी में उद्योगों और नवोन्मेष को बढ़ावा देने पर जोर है इसके लिये स्टार्टअप को को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की स्टार्टअप नीति-2020 के तहत सरकार मदद की योजना बना चुकी थी। पर बीच में कोरोना संकट आ जाने के चलते इसकी गाइड लाइन तय नहीं हो सकी। अब गाइड लाइन तय करते हुए सरकार ने इसका ऐलान कर दिया है। स्टार्टअप से जुड़े लोगों को 15 हजार रुपये भरण पोषण भत्ते के रूप में फिलहाल एक साल तक दिये जाने का फैसला किया गया है।
10 लाख से अधिक न हो परिवार की वार्षिक आय
उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये स्टार्टअप केन्द्र (इन्क्यूबेटर) स्थापित किये गए हैं। करीब 3000 स्टार्टअप इन केन्द्र की मदद से चल रहे हैं। इनमें से ऐसे स्टार्टअप प्रमोटरों को सरकार की ओर से भरण पोषण के लिये भत्ता दिया जाएगा जिनके परिवार की सालाना इनकम 10 लाख रुपये से ज्यादा न हो। इसके अलावा स्टर्टअप से संबंधित किसी दूसरे फंड या योजना का लाभ भी नहीं लिया होना चाहिये।
छह हजार आवेदन आए
भरण पोषण भत्ते के लिये काफी लोगों ने अप्लाई भी किया है। इसको लेकर प्रक्रिया जारी है। यूपी इलेक्ट्राॅनिक्स काॅर्पोरेशन लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर प्रवीण कुमार ने मीडिया से बताया है कि भत्ते के लिये अब तक करीब छह हजार आवेदन आ चुके हैं। गाइडलाइन में दिये गए दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए दिसंबर के पहले सप्ताह तक इनका निस्तारण कर दिया जाएगा।
स्टार्टअप व्यवसायीकरण के लिये 5 लाख
स्टार्टअप को व्यावाय में बदलने के लिये भी मदद मिलेगी। इसके जरिये स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को अपना प्रोडक्ट लांच करने और उसकी मार्केटिंग करने में काफी मदद मिलेगी। स्टार्टअप के व्यावसायीकरण के लिये 5 लाख रुपये दिये जाने का भी प्रावधान है।