मायावती ने बनाया था अलग जिला आपको बता दें कि साल 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने वाराणसी से अलग करके एक जिला चंदौली (Chandauli) बनाया था। इससे पहले चंदौली जिला वाराणसी (Varanasi) जिले का ही हिस्सा था। लेकिन पिछले दिनों शासन ने चंदौली जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी कि जिले का नाम पंडित दीनदयाल नगर करने में कोई दिक्कत तो नहीं। जिसपर वहां के जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल (DM Navneet Singh Chahal) ने इस मामले की रिपोर्ट जिला स्तर से शासन को भेज दी है। जल्द ही चंदौली जिले का नाम बदलने की घोषणा भी लखनऊ में शासन स्तर से ही की जाएगी। शासन के निर्देश के बाद ही चंदौली जिला प्रशासन अपनी कार्रवाई शुरू करेगा।
बदला गया था मुगलसराय जंक्शन का नाम आपको बदा दें कि चंदौली जिले के मुख्य रेलवे स्टेशन मुगलसराय जंक्शन (Mughal Sarai Junction) का नाम पिछले साल ही बदलकर पंडित दीनदयाल जंक्शन (Pandit Deendayal Junction) कर दिया गया था। अब योगी सरकार (Yogi Sarkar) पूरे जिले का नाम ही पंडित दीनदयाल नगर (Pandit Deendayal Nagar) करने की तैयारी है। लखनऊ में सरकार से जुड़़े सूत्रों के मुताबिक चंदौली (Chandauli) जिले का नाम बदलने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) अपने दौरे के दौरान ही कर सकते हैं। दरअसल जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyay) का शव 11 फरवरी 1968 को संदिग्ध परिस्थितियों में मुगलसराय रेलवे स्टेशन (Mughalsarai Railway Station) के यार्ड में मिला था। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के चिंतक और संगठनकर्ता भी थे। इसीलिये योगी सरकार ने पहले रेलवे स्टेशन का नाम बदला और अब पूरे जिले का नाम उन्हीं के नाम पर करने की तैयारी है।