सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त विभाग द्वारा अप्रासांगिक करार देकर भत्तों को समाप्त करने संबंधी प्रस्ताव फुटकर-फुटकर कैबिनेट के समक्ष लाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने इस तरह के सभी प्रस्ताव आवश्यक विचार-विमर्श के बाद एक साथ रखने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री का रुख देखकर वित्त विभाग ने सात भत्तों को समाप्त करने संबंधी इस प्रस्ताव को फिलहाल वापस ले लिया। वित्त विभाग ने अब मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक सभी अप्रासांगिक भत्तों को एक साथ चिह्नित करने और एक साथ खत्म करने का प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
फिलहाल अभी बच गए ये सात भत्ते, खत्म करने का पेश किया गया था प्रस्ताव
लोक निर्माण विभाग के भत्ते (रुपये में)
रिसर्च भत्ता – 100
अर्दली भत्ता – 100
डिजाईन भत्ता – 100-300
सिंचाई विभाग के भत्ते (रुपये में)
आई.एंड.पी. भत्ता – 100-150
परिकल्प भत्ता – 200
अर्दली भत्ता – 200