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करोड़पति माननीयों का इनकमटैक्स भर रही है यूपी सरकार

locationलखनऊPublished: Sep 13, 2019 04:32:01 pm

Submitted by:

Anil Ankur

अजग-गजब- आय बढ़ाने के लिए जनता पर थोपती है अतिरिक्त टैक्स और…
 

UP government is paying IT of Ministers and MLAs for 30 years

UP government is paying IT of Ministers and MLAs for 30 years


लखनऊ। यूपी सरकार में भी अजब गजब होता रहता है। चुनावी हलफनामे के मुताबिक विधायक और मंत्री करोड़पति हैं और उनके इनकम टैक्स की भरपाई सरकारी खजाने से होती है। ऐसा आज से नहीं हो रहा है, बल्कि तीन दशक से यह प्रथा उत्तर प्रदेश में चली आ रही है।
आखिर माननीयों को इनकमटैक्स से मुक्ति क्यों
दरअसल, यह कहानी तीन दशक पुरानी है। मामला उस वक्त जब यूपी के सीएम के रूप में वर्ष 1981 विश्वनाथ प्रताप सिंह स्थापित थे, उस वक्त विधायकों और मंत्रियों की मासिक आय भले ही ज्यादा नहीं थी, लेकिन इनकम टैक्स उन्हें देना पड़ता था। ऐसी स्थिति में सदन के सदस्यों ने सरकार से मांग की कि उनकी जनसेवा और कम वेतन को देखते हुए उनके आयकर की भरपाई सरकार किया करे। सरकार ने उनकी बात मान ली और उस वक्त यह आदेश किया गया कि विधायकों और मंत्रियों व मुख्यमंत्री के आयकर को सरकारी खजाने से भरा जाएगा।
पुराने कानून से करोड़पतियों को लाभ

सियासी हल्के में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि आज से करीब 30 साल पहले के कानून को हम किस तरह पालन करा रहे हैं जबकि मौजूदा समय में उसकी जरूरत ही नहीं है। यह सब माननीय तब कर रहे हैं जब उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास करोड़ों की चल और अचल संपत्ति है। इसके साथ ही वो महंगी गाडिय़ों में घूमने के शौकीन हैं। ऐसे में पुराने कानून से उनके आयकर को सरकारी खजाने से भरने की जरूरत क्या है।
तीन दशक और 19 मुख्यमंत्री, लाभ वही पुराना

उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंसेस और मिसलेनियस एक्ट 1981 उस वक्त बना था जब विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे। तब से तीन दशक में यूपी में अलग-अलग पार्टियों से 19 मुख्यमंत्री बन चुके हैं, जिसमें समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी से मायावती, कांग्रेस से नारायण दत्त तिवारी, बीजेपी से कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह और अब योगी आदित्यनाथ शामिल हैं। इस कानून के बनने के बाद यूपी में 1000 मंत्री बन चुके हैं। इसका लाभ उठाने में सभी नेता एक हैं। कोई इसका विरोध नहीं करता।
दो साल में 166 लाख दिया इनकम टैक्स

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रियों का टैक्स भी सरकारी खजाने से पिछले दो वित्त वर्ष से योगी सरकार के मंत्रियों का भी इनकम टैक्स राज्य के सरकारी खजाने से दिया गया है। इस वित्त वर्ष में सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिपरिषद का बिल 86 लाख रुपए आया, जिसे सरकार की तरफ से दिया गया। प्रमुख सचिव (वित्त) संजीव मित्तल ने इस बात की पुष्टि की है कि सीएम और मंत्रिपरिषद का इनकम टैक्स 1981 के एक्ट के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा भरा जाता है।
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