आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा अनधिकृत कालोनियों पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए आयुक्त, यूपी आवास एवं विकास परिषद, जिलाधिकारी/नियत प्राधिकारी, समस्त विनियमित क्षेत्र, उपाध्यक्ष, समस्त विकास प्राधिकरण तथा अध्यक्ष, समस्त विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव आवास द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अनधिकृत कालोनियों के विकास/निर्माण के लिए मुख्य रूप से दोषी सम्बन्धित विकासकर्ता/कालोनाइजर को चिन्हित कर उसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये। जिलाधिकारी/उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण अनाधिकृत कालोनियों के निर्माण की रोकथाम में विफल/संलिप्त दोषी अधिकारियों एवं कार्मिकों को चिन्हित करने की कार्यवाही करेंगे। ऐसे अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जायेगी और अधिशासी अभियन्ता, सहायता अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता को उत्तरदायी बनाया जायेगा।
इसके साथ ही सम्बन्धित जिलाधिकारी एवं उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण द्वारा अनधिकृत कालोनियों का रिमोर्ट सेसिंग एप्लीकेशन सेन्टर के सहयोग से गूगल मैप 15 दिन में अनिवार्य रूप से तैयार कराया जायेगा। विकास क्षेत्र के नोडल/प्रवर्तन अधिकारी चार्ज छोड़ते या ग्रहण करने के समय गूगल मैप की हस्ताक्षरित प्रति अनिवार्य रूप से एक-दूसरे को हस्तान्तरित करेंगे ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सम्बन्धित अधिकारी की तैनाती अवधि के दौरान कितना अवैध या अनाधिकृत निर्माण हुआ।
आदेश में यह उल्लेख है कि केन्द्र सरकार/राज्य सरकार व सार्वजनिक अभिकरणों के स्वामित्व की भूमि, संवेदनशील क्षेत्रों, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहरों, जलमग्न क्षेत्र, नदी, नाले, तालाब/पोखर आदि पर निर्मित अनधिकृत कालोनियों/कब्जों को हटाने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाय। अनाधिकृत कब्जों को हटाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल सम्बन्धित सर्किल आफीसर द्वारा उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जायेगा। इस सम्बन्ध में गृह विभाग, यूपी शासन के स्तर से विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से निर्गत किये जायेंगे।
विकास प्राधिकरण द्वारा व्यक्तियों की मांग के अनुरूप भूमि/भवन की पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने की कार्यवाही की जायेगी। आदेश में अनधिकृत कालोनियों पर नियंत्रण के लिए विकास क्षेत्र कोे जोन्स में विभाजित किए जाने, नियमों का सरलीकरण तथा उनका प्रचार-प्रसार किये जाने, आवास एवं विकास परिषद, विभिन्न विकास प्राधिकरणों व नगर निकायों के ऐसे अभियन्ता, जो अवैध निर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्तरदायी थे और उनकी तैनाती की अवधि में अवैध निर्माण हुए, उन्हें चिन्हित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही के साथ-साथ उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के निर्देश दिए गए है।